Talk:Jin-Sutra, Bhag 1 (जिन-सूत्र, भाग एक) (4 volume set)
TOC from o.com:
- अनुक्रम
- 1: जिन-शासन की आधारशिला: संकल्प
- 2: प्यास ही प्रार्थना है
- 3: बोध--गहन बोध--मुक्ति है
- 4: धर्म: निजी और वैयक्तिक
- 5: परम औषधि: साक्षीभाव
- 6: तुम मिटो तो मिलन हो
- 7: जीवन एक सुअवसर है
- 8: सम्यक ज्ञान मुक्ति है
- 9: अनुकरण नहीं--आत्म-अनुसंधान
- 10: जिंदगी नाम है रवानी का
- 11: अध्यात्म प्रक्रिया है जागरण की
- 12: संकल्प की अंतिम निष्पत्ति: समर्पण
- 13: वासना ढपोरशंख है
- 14: प्रेम से मुझे प्रेम है
- 15: मनुष्यो, सतत जाग्रत रहो
- 16: उठो, जागो--सुबह करीब है