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:उसका वर्णन अत्यंत कठिन है | उनका व्यक्तित्व अनिर्वचनीय है | उन्होंने मध्यान्ह गोष्ठियों में कहा : " मनुष्य का मन दुश्पूर है | वह भरता ही नहीं है | वरन भरने की हर चेष्टा से और भी खाली मालूम पड़ने लगता  है | वह न धन से भरता है, न पद से, न प्रतिष्ठा से | वह भरता ही नहीं है | शायद भरना उसका स्वाभाव ही नहीं है | फिर अंततः मनुष्य उसे परमात्मा से भरना चाहता है | वह उससे भी नहीं भरता है | और यही सतत असफलता मनुष्य का संताप बन जाती है | लेकिन मैं एक अन्य ही दिशा सुझाता हूँ ---- भरने की दिशा से बिल्कुल विपरीत | मन को भरें ही नहीं, बल्कि खाली करें | और यह जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य है कि जो भरने से नहीं भरता वह खाली करते ही पाया जाता है कि सदा से ही भरा हुआ है | आह ! शून्य मन में पूर्ण, सदा से ही विराजमान है | लेकिन भरने की विक्षिप्त चेष्टा में हम उसे देख ही नहीं पाते हैं ! "
 
:  दिल्ली में विचारगोष्ठी :
:25 अप्रेल की दोपहर                (1)
 
:शहीद स्मारक भवन जबलपुर में प्रवचन
:28 अप्रेल की रात्रि                    (2)
 
:नारगोल, गुजरात में साधना शिविर  (3)
2 मई की रात्रि उद्घाटन | 3,4,5 मई |
 
:प्रोग्रेसिव ग्रूप बंबई में प्रवचन          (4)
6 मई की रात्रि | भारतीय विद्यभावन में |
 
:जैन सोशल ग्रुप बंबई में प्रवचन
:7 मई की सुबह | बिरला क्रीड़ा केंद्र में | (5)
 
:बसंत व्याख्यानमाला, पूना, में प्रवचन
:15 मई की रात्रि |                        (6)
 
:अंतरभारती, पूना, में प्रवचन
:17 मई की सुबह |                        (7)
 
:जूनागढ़ में विराट सत्संग
:18,19,20 मई |                          (8)
 
:सौराष्ट्र जीवन जाग्रति केंद्र के कार्यकर्ताओं के बीच
:20 मई की दोपहर                        (9)
 
:उदयपुर में साधना शिविर
:9,10,11 जून |                          (10)
 
:राजस्थान शिक्षक सम्मेलन में
:11 जून की दोपहर |                      (11)
 
:पोरबंदर रोटरी क्लब में |
:21 जून की संध्या |                      (12)
 
:पोरबंदर में विशाल सत्संग
:21,22,23 जून |                        (13)
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:पोरबंदर में कन्या गुरुकुल में 
:23 जून की दोपहर |                (14)
:भावनगर में विराट सत्संग
:3,4,5 जुलाई |                      (15)
:भावनगर में महिलाओं की विशाल सभा
:3 जुलाई की दोपहर |              (16)
:भावनगर के शिक्षकों और शिक्षार्थीयों के बीच
:5 जुलाई की दोपहर |                        (17)
:इंदौर में ज्ञान सत्र :
:20,21,22,23 जुलाई |            (18)
:रवींद्रनाथ टैगोरे नाट्यगृह |
:जीवन जागृति केंद्र, इन्दौर, के कार्यकर्ताओं के बीच
:20 जुलाई की दोपहर                    (19)
:इंदौर के नवयुवक पत्रकारों के बीच : (20)
:विद्यार्थियों की विशाल सभा |      (21)
:गाडरवारा में प्रवचन
:7 अगस्त की रात्रि |  (22)
:गाडरवारा में विचारगोष्ठी
:8 अगस्त की रात्रि        (23)
:शहीद स्मारक भवन, जबलपुर में प्रवचन      (24)
:10 अगस्त की रात्रि
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:पिपरिया में जनसभा ----
:26 जन.
:विश्‍व मैत्री संघ, जबलपुर में --------
29 जन.
:टेक्निकल विधायल जबलपुर में ----
:2 फरवरी
:श्री रामपुर में सत्संग
:4,5,6 फरवरी
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Revision as of 10:51, 20 March 2018

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1R
उसका वर्णन अत्यंत कठिन है | उनका व्यक्तित्व अनिर्वचनीय है | उन्होंने मध्यान्ह गोष्ठियों में कहा : " मनुष्य का मन दुश्पूर है | वह भरता ही नहीं है | वरन भरने की हर चेष्टा से और भी खाली मालूम पड़ने लगता है | वह न धन से भरता है, न पद से, न प्रतिष्ठा से | वह भरता ही नहीं है | शायद भरना उसका स्वाभाव ही नहीं है | फिर अंततः मनुष्य उसे परमात्मा से भरना चाहता है | वह उससे भी नहीं भरता है | और यही सतत असफलता मनुष्य का संताप बन जाती है | लेकिन मैं एक अन्य ही दिशा सुझाता हूँ ---- भरने की दिशा से बिल्कुल विपरीत | मन को भरें ही नहीं, बल्कि खाली करें | और यह जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य है कि जो भरने से नहीं भरता वह खाली करते ही पाया जाता है कि सदा से ही भरा हुआ है | आह ! शून्य मन में पूर्ण, सदा से ही विराजमान है | लेकिन भरने की विक्षिप्त चेष्टा में हम उसे देख ही नहीं पाते हैं ! "
दिल्ली में विचारगोष्ठी :
25 अप्रेल की दोपहर (1)
शहीद स्मारक भवन जबलपुर में प्रवचन
28 अप्रेल की रात्रि (2)
नारगोल, गुजरात में साधना शिविर (3)

2 मई की रात्रि उद्घाटन | 3,4,5 मई |

प्रोग्रेसिव ग्रूप बंबई में प्रवचन (4)

6 मई की रात्रि | भारतीय विद्यभावन में |

जैन सोशल ग्रुप बंबई में प्रवचन
7 मई की सुबह | बिरला क्रीड़ा केंद्र में | (5)
बसंत व्याख्यानमाला, पूना, में प्रवचन
15 मई की रात्रि | (6)
अंतरभारती, पूना, में प्रवचन
17 मई की सुबह | (7)
जूनागढ़ में विराट सत्संग
18,19,20 मई | (8)
सौराष्ट्र जीवन जाग्रति केंद्र के कार्यकर्ताओं के बीच
20 मई की दोपहर (9)
उदयपुर में साधना शिविर
9,10,11 जून | (10)
राजस्थान शिक्षक सम्मेलन में
11 जून की दोपहर | (11)
पोरबंदर रोटरी क्लब में |
21 जून की संध्या | (12)
पोरबंदर में विशाल सत्संग
21,22,23 जून | (13)
1V
पोरबंदर में कन्या गुरुकुल में
23 जून की दोपहर | (14)
भावनगर में विराट सत्संग
3,4,5 जुलाई | (15)
भावनगर में महिलाओं की विशाल सभा
3 जुलाई की दोपहर | (16)
भावनगर के शिक्षकों और शिक्षार्थीयों के बीच
5 जुलाई की दोपहर | (17)
इंदौर में ज्ञान सत्र :
20,21,22,23 जुलाई | (18)
रवींद्रनाथ टैगोरे नाट्यगृह |
जीवन जागृति केंद्र, इन्दौर, के कार्यकर्ताओं के बीच
20 जुलाई की दोपहर (19)
इंदौर के नवयुवक पत्रकारों के बीच : (20)
विद्यार्थियों की विशाल सभा | (21)
गाडरवारा में प्रवचन
7 अगस्त की रात्रि | (22)
गाडरवारा में विचारगोष्ठी
8 अगस्त की रात्रि (23)
शहीद स्मारक भवन, जबलपुर में प्रवचन (24)
10 अगस्त की रात्रि
2
पिपरिया में जनसभा ----
26 जन.
विश्‍व मैत्री संघ, जबलपुर में --------

29 जन.

टेक्निकल विधायल जबलपुर में ----
2 फरवरी
श्री रामपुर में सत्संग
4,5,6 फरवरी