Osho: Diary Ke Darpan Mein (ओशो : डायरी के दर्पण में): Difference between revisions

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ओशो के प्रथम सचिव रह चुके प्रो. अ‍रविंद कुमार रिश्‍ते में ओशो के फुफेरे भाई हैं। बहुत कम उम्र से ही इन्‍हें ओशो की असामान्‍य विकटता प्राप्‍त हुई है। ओशो के एक विशिष्‍ट जीवनकाल तथा उनके कार्य के प्रारंभ कालखंड में उनके साथ एक ही मकान में रहने, उनके सचिव का दायित्‍व निभाने व उनकी देखरेख व सेवा करने का अमूल्‍य व अपूर्ण अवसर अरविंद जी को मिला। इन प्रारंभिक दिनों में जब और जहां कहीं ओशो की वाणी ध्‍वनिमुद्रित नहीं हो पा रही थी, अरविंद जी अपनी स्‍मरण प्रतिभा का अद्भुत उपयोग करते हुए ओशो के वचनों को लिपिबद्ध कर लेते थे-अधिकांश बोले जाने के कुछ घंटों के भीतर ही, किंतु कभी-कभी कुछ और अंतराल पर, जब जैसा संभव हो पाता। उन अपूर्व व मूल्‍यवान चर्चाओं की लड़ियों को प्रोफेसर अरविंद कितनी सहजता से व बखूबी अपनी डायरी के पन्‍नों पर पिरोते गए थे, यह बात उनकी अंतकाल तक साधुवाद करने के लिए पर्याप्‍त हेतु है। ओशो के विचारों को सामने लाने से पूर्व, प्रो. अरविंद जिस ढंग से पृष्‍ठभूमि का वर्णन करते हुए एक शब्‍द-दृश्‍य निर्मित करते हैं, वह तो उनके कौशल व ओशो के अपरि‍मित आशीषों का सहज उदाहरण है। अरविंद जी का यह अथक श्रम ओशो द्वारा प्रदत्‍त एक मूल्‍यवान शाश्‍वत खजाने को हमारे समक्ष लाता है।
author
Prof. Arvind Kumar
language
Hindi
notes

editions

ओशो : डायरी के दर्पण में

Year of publication : Oct 2016
Publisher : Diamond Books
Edition no. : 1
ISBN 9789352614943 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 240
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :