Satya Aur Sahas (सत्य और साहस)

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महावीर-वाणी के इस चौथे खंड में ओशो के साथ अनूठी यात्रा करते हुए हम ‘सत्‍य और साहस’ में प्रवेश कर रहे हैं। यह यात्रा जागरण की तीर्थ-यात्रा है। जागरण की साधना के सूत्र अनेक हो सकते हैं तप अनेक हो सकते हैं जो हमारे जीवन के नशो को तोड़े, लेकिन उन सबका अभिप्राय एक ही है होश।जीवन के दो स्‍पष्‍ट आयाम हैं। एक आयाम है नशे का और नशे के अनगिनत पहलुओं का। और दूसरा आयाम इसके विपरीत है, सर्वथा विपरीत – और वह आयाम है होश का। ‘महावीर-वाणी’ पर ओशो द्वारा दिए गए कुल 54 प्रवचनों में से प्रवचन 41 से 54 का संकलन इस पुस्‍तक में प्रस्‍तुत है।
notes
See discussion for a TOC.
Originally published as ch.5-18 (/ch.41-54) of Mahaveer-Vani, Bhag 3 (महावीर-वाणी, भाग 3).
time period of Osho's original talks/writings
(unknown)
number of discourses/chapters
14


editions

Satya Aur Sahas (सत्य और साहस)

Year of publication : 2006
Publisher : Diamond Pocket Books
ISBN 81-7182-259-2 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 374
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :