Tantrik Shuddhi Ka Adhar (तांत्रिक शुद्धि का आधार): Difference between revisions

From The Sannyas Wiki
Jump to navigation Jump to search
mNo edit summary
m (Text replacement - "Translated from English (अंग्रेजी से अनुवादित)" to "Translated from English (hi:अंग्रेजी से अनुवादित)")
 
(10 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 2: Line 2:
description = तंत्र-सूत्र (विज्ञान भैरव तंत्र) भाग एक
description = तंत्र-सूत्र (विज्ञान भैरव तंत्र) भाग एक
:ओशो द्वारा भगवान शिव के विज्ञान भैरव तंत्र पर दिए गए 80 प्रवचनों मे से प्रथम 1 से 16 प्रवचनों का संकलन।  |
:ओशो द्वारा भगवान शिव के विज्ञान भैरव तंत्र पर दिए गए 80 प्रवचनों मे से प्रथम 1 से 16 प्रवचनों का संकलन।  |
translated = [[The Book of the Secrets, Vol 1]]|
translated = English : ''[[Vigyan Bhairav Tantra, First Series]]'', ch.1-16 |
notes = This book was first published as ''[[Tantra-Sutra, Bhag 1 (तंत्र-सूत्र, भाग एक)]]'', the first volume of the five-volume series ''[[Tantra Sutra (तंत्र-सूत्र)]]'', translations from the English series of talks on ''Vigyan Bhairav Tantra''. |
notes = This book previously published as ''[[Tantra-Sutra, Bhag 1 (तंत्र-सूत्र, भाग एक) (5 volume set)]]'', the first volume of the five-volume series ''[[Tantra-Sutra (तंत्र-सूत्र) (series)]]'', translations from the English series of talks on ''Vigyan Bhairav Tantra''. It is not known whether this title has been used by Rebel/OMI or just by Hind. |
period = Oct 1, 1972 to Nov 19, 1972 | year=1972|
period = Oct 1, 1972 to Nov 19, 1972 | year=1972|
nofd = 16 |
nofd = 16   ([[#table of contents|see table of contents]]) |
editions =  
editions =  
{{bookedition|TS-Shuddhi.jpg| |2009 |Hind Pocket Books| |9788121613729 |318 |P | }}
{{bookedition|Tantrik Shuddhi 2009-2014 Hind cover.jpg| |2009
::reprints 2011, 2014, 2017|Hind Pocket Books| |978-81-216-1372-9 |318 |P |
<gallery widths=220px heights=175px mode="packed">
image:Tantrik Shuddhi 2009-2014 Hind contents-1.jpg|contents 1st two pages
image:Tantrik Shuddhi 2009-2014 Hind contents-2.jpg|contents 3rd page
image:Tantrik Shuddhi 2009-2014 Hind pub-info.jpg|pub info
</gallery> }}
{{bookedition|Tantrik Shuddhi 2019.jpg| |2019|Hind Pocket Books| | 9788121620840|336|P | }}
|
|
language = Hindi |
language = Hindi |
}}
}}
[[Category:Early Talks and Writings (hi:प्रारंभिक वार्ता और लेखन)‎]]
 
== table of contents  ==
{| class = "wikitable"
{{TOCTable | edition 2014 | discourses }}
{{TOCLine | 1 | तंत्र में प्रवेश | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 01 | 1 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 44min | audio }}
{{TOCLine | 2 | योग और तंत्र; समर्पण और विधि
 
:१. योग और तंत्र में क्या फर्क है?<br>२. समर्पण की विधि क्या है?<br>३. कैसे कोई विधि रास आती है? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 02 | 2 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 39min | audio }}
{{TOCLine | 3 | श्वास: शरीर और आत्मा के बीच सेतु
 
:१. दो श्वासों के बीच के अंतराल को अनुभव करो<br>२. दो श्वासों के बीच संक्रांति-बिंदु को देखो<br>३. दो श्वासों के विलय-बिंदु को देखो<br>४. श्वास के ठहरने के क्षण में सजग रहो | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 03 | 3 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 30min | audio }}
{{TOCLine | 4 | मन के धोखों से सावधान
 
:१. ऐसी आसान विधि से क्या ज्ञान-उपलब्धि संभव है?<br>२. और काम करते हुए क्या श्वास-बोध का प्रयोग किया जा सकता है? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 04 | 4 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 34min | audio }}
{{TOCLine | 5 | अवधान, शिव-नेत्र और आत्मोपलब्धि
 
:५. अपना ध्यान तृतीय नेत्र पर एकाग्र करो<br>६. कार्य में व्यस्तता के बीच ध्यान को अंतराल पर एकाग्र करो<br>७. स्वप्न में सजगता की विधि<br>८. संधि-स्घल को भक्तिपूर्वक देखो<br>९. मृतवत लेट रहो, अपलक घूरो, कुछ चूसो और चूसना बन जाओ | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 05 | 5 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 49min | audio }}
{{TOCLine | 6 | स्वप्न का अतिक्रमण कैसे हो
 
:१. स्वप्न देखते हुए बोधपूर्ण कैसे हुआ जाए?<br>२. प्रयल क्यों करें अगर हम नाटक के पात्र भर हैं? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 06 | 6 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 21min | audio }}
{{TOCLine | 7 | प्रेम करते हुए प्रेम ही हो जाओ
 
:१०. प्रेम ही हो जाओ<br>११. इंद्रियों के द्वार बंद कर दो<br>१२. अपने को वजनशून्य हो जाने दो | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 07 | 7 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 34min | audio }}
{{TOCLine | 8 | तांत्रिक शुद्धि का आधार अभेद है
 
:१. शुद्धि से तंत्र का अभिप्राय क्या है? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 08 | 8 Oct 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 34min | audio }}
{{TOCLine | 9 | केंद्रीभूत होने की कुछ विधियां
 
:१३. किसी एक विषय पर समग्रतः एकाग्रता करो<br>१४. ध्यान को मेरुदंड के मध्य स्थित करो | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 09 | 12 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 44min | audio }}
{{TOCLine | 10 | केंद्रित, संतुलित और आप्तकाम होओ
 
:१. क्या आत्मोपलब्धि बुनियादी आवश्यकता है?<br>२. मनन, एकाग्रता और ध्यान पर प्रकाश डालें।<br>३. नाभि-केंद्र के विकास के लिए जो प्रशिक्षण है वह हृदय और मस्तिष्क के केंद्रों के प्रशिक्षण से भिन्न कैसे है?<br>४. क्या सभी बुद्धपुरुष नाभि-केंद्रित हैं ? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 10 | 13 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 29min | audio }}
{{TOCLine | 11 | त्रिनेत्र, नाभि-केंद्र और मध्य-मार्ग
 
:१५. सिर के सभी द्वारों को बंद कर दो<br>१६. इंद्रियों का हृदय में विलय करो<br>१७. चुनो मत, मध्य में रहो | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 11 | 14 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 30min | audio }}
{{TOCLine | 12 | उदगम की खोज में
 
:१. कृपया बताएं कि नाभि-केंद्र, तीसरी आंख और मेरुदंड के काम क्या हैं?<br>२. बुद्ध की तपश्चर्या संसार के विपरीत मालूम होती है; वह मध्य मार्ग नहीं मालूम होती।<br>३. हृदय केंद्र को विकसित करने के व्यावहारिक उपाय क्या हैं?<br>४. क्या प्रेम में भी मध्य मार्ग पकड़ना चाहिए या प्रेम और घृणा की ध्रुवीय अति को छूना चाहिए? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 12 | 15 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 17min | audio }}
{{TOCLine | 13 | आत्यंतिक केंद्र में प्रवेश
 
:१८. किसी विषय को प्रेमपूर्वक देखो<br>१९. सिर्फ नितंबों पर बैठो<br>२०. चलते वाहन में ध्यान के लिए एक विधि<br>२१. किसी शारीरिक पीड़ा पर एकाग्रता करो | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 13 | 16 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 29min | audio }}
{{TOCLine | 14 | प्रेम को ध्यान बनाओ, ध्यान को प्रेम
 
:१. समाधि का केंद्रित होना क्यों कहते हैं?<br>२. ध्यान के बिना कैसे अकेला प्रेम पर्याप्त है?<br>३. मनुष्य संवेदनहीन क्यों है? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 14 | 17 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 40min | audio }}
{{TOCLine | 15 | शुद्ध चैतन्य में प्रवेश की विधियां
 
:२२. अपने अतीत को देखो, बिना किसी तादात्म्य के<br>२३. किसी विषय को महसूस करो और वही हो जाओ<br>२४. अपने भावों को देखो | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 15 | 18 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 26min | audio }}
{{TOCLine | 16 | अचेतन पाप के पार
 
:१. दमन के बिना अपने स्नोत पर लौटने का क्या उपाय है?<br>२. पश्चिम के मनोविश्लेषक मन को खाली करने, मन के निर्ग्रंथन के उपाय में सफल क्‍यों नहीं हो पाते?<br>३. क्या यह सच नहीं है कि कोई उपाय तब तक शक्तिशाली नहीं होता जब तक व्यक्ति को उसमें दाखिल न किया जाए।<br>४. अगर तादात्म्य अकेला पाप है तो अनेक विधियां ऐसा क्यों कहती हैं कि किसी चीज के साथ एकात्म हो जाओ? | [[Vigyan Bhairav Tantra Vol 1 ~ 16 | 19 Nov 1972 pm]] | Woodlands, [[wikipedia:Mumbai |Bombay]] | 1h 17min | audio }}
|}
 
[[Category:Meditation (hi:ध्यान)‎]]
[[Category:Meditation (hi:ध्यान)‎]]
[[Category:Translations from English (hi:अंग्रेजी से अनुवाद)]]
[[Category:Translated from English (hi:अंग्रेजी से अनुवादित)]]

Latest revision as of 12:08, 19 January 2021


तंत्र-सूत्र (विज्ञान भैरव तंत्र) भाग एक
ओशो द्वारा भगवान शिव के विज्ञान भैरव तंत्र पर दिए गए 80 प्रवचनों मे से प्रथम 1 से 16 प्रवचनों का संकलन।
translated from
English : Vigyan Bhairav Tantra, First Series, ch.1-16
notes
This book previously published as Tantra-Sutra, Bhag 1 (तंत्र-सूत्र, भाग एक) (5 volume set), the first volume of the five-volume series Tantra-Sutra (तंत्र-सूत्र) (series), translations from the English series of talks on Vigyan Bhairav Tantra. It is not known whether this title has been used by Rebel/OMI or just by Hind.
time period of Osho's original talks/writings
Oct 1, 1972 to Nov 19, 1972 : timeline
number of discourses/chapters
16   (see table of contents)


editions

Tantrik Shuddhi Ka Adhar (तांत्रिक शुद्धि का आधार)

Year of publication : 2009
reprints 2011, 2014, 2017
Publisher : Hind Pocket Books
ISBN 978-81-216-1372-9 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 318
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :

Tantrik Shuddhi Ka Adhar (तांत्रिक शुद्धि का आधार)

Year of publication : 2019
Publisher : Hind Pocket Books
ISBN 9788121620840 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 336
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :

table of contents

edition 2014
chapter titles
discourses
event location duration media
1 तंत्र में प्रवेश 1 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 44min audio
2 योग और तंत्र; समर्पण और विधि
१. योग और तंत्र में क्या फर्क है?
२. समर्पण की विधि क्या है?
३. कैसे कोई विधि रास आती है?
2 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 39min audio
3 श्वास: शरीर और आत्मा के बीच सेतु
१. दो श्वासों के बीच के अंतराल को अनुभव करो
२. दो श्वासों के बीच संक्रांति-बिंदु को देखो
३. दो श्वासों के विलय-बिंदु को देखो
४. श्वास के ठहरने के क्षण में सजग रहो
3 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 30min audio
4 मन के धोखों से सावधान
१. ऐसी आसान विधि से क्या ज्ञान-उपलब्धि संभव है?
२. और काम करते हुए क्या श्वास-बोध का प्रयोग किया जा सकता है?
4 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 34min audio
5 अवधान, शिव-नेत्र और आत्मोपलब्धि
५. अपना ध्यान तृतीय नेत्र पर एकाग्र करो
६. कार्य में व्यस्तता के बीच ध्यान को अंतराल पर एकाग्र करो
७. स्वप्न में सजगता की विधि
८. संधि-स्घल को भक्तिपूर्वक देखो
९. मृतवत लेट रहो, अपलक घूरो, कुछ चूसो और चूसना बन जाओ
5 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 49min audio
6 स्वप्न का अतिक्रमण कैसे हो
१. स्वप्न देखते हुए बोधपूर्ण कैसे हुआ जाए?
२. प्रयल क्यों करें अगर हम नाटक के पात्र भर हैं?
6 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 21min audio
7 प्रेम करते हुए प्रेम ही हो जाओ
१०. प्रेम ही हो जाओ
११. इंद्रियों के द्वार बंद कर दो
१२. अपने को वजनशून्य हो जाने दो
7 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 34min audio
8 तांत्रिक शुद्धि का आधार अभेद है
१. शुद्धि से तंत्र का अभिप्राय क्या है?
8 Oct 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 34min audio
9 केंद्रीभूत होने की कुछ विधियां
१३. किसी एक विषय पर समग्रतः एकाग्रता करो
१४. ध्यान को मेरुदंड के मध्य स्थित करो
12 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 44min audio
10 केंद्रित, संतुलित और आप्तकाम होओ
१. क्या आत्मोपलब्धि बुनियादी आवश्यकता है?
२. मनन, एकाग्रता और ध्यान पर प्रकाश डालें।
३. नाभि-केंद्र के विकास के लिए जो प्रशिक्षण है वह हृदय और मस्तिष्क के केंद्रों के प्रशिक्षण से भिन्न कैसे है?
४. क्या सभी बुद्धपुरुष नाभि-केंद्रित हैं ?
13 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 29min audio
11 त्रिनेत्र, नाभि-केंद्र और मध्य-मार्ग
१५. सिर के सभी द्वारों को बंद कर दो
१६. इंद्रियों का हृदय में विलय करो
१७. चुनो मत, मध्य में रहो
14 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 30min audio
12 उदगम की खोज में
१. कृपया बताएं कि नाभि-केंद्र, तीसरी आंख और मेरुदंड के काम क्या हैं?
२. बुद्ध की तपश्चर्या संसार के विपरीत मालूम होती है; वह मध्य मार्ग नहीं मालूम होती।
३. हृदय केंद्र को विकसित करने के व्यावहारिक उपाय क्या हैं?
४. क्या प्रेम में भी मध्य मार्ग पकड़ना चाहिए या प्रेम और घृणा की ध्रुवीय अति को छूना चाहिए?
15 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 17min audio
13 आत्यंतिक केंद्र में प्रवेश
१८. किसी विषय को प्रेमपूर्वक देखो
१९. सिर्फ नितंबों पर बैठो
२०. चलते वाहन में ध्यान के लिए एक विधि
२१. किसी शारीरिक पीड़ा पर एकाग्रता करो
16 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 29min audio
14 प्रेम को ध्यान बनाओ, ध्यान को प्रेम
१. समाधि का केंद्रित होना क्यों कहते हैं?
२. ध्यान के बिना कैसे अकेला प्रेम पर्याप्त है?
३. मनुष्य संवेदनहीन क्यों है?
17 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 40min audio
15 शुद्ध चैतन्य में प्रवेश की विधियां
२२. अपने अतीत को देखो, बिना किसी तादात्म्य के
२३. किसी विषय को महसूस करो और वही हो जाओ
२४. अपने भावों को देखो
18 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 26min audio
16 अचेतन पाप के पार
१. दमन के बिना अपने स्नोत पर लौटने का क्या उपाय है?
२. पश्चिम के मनोविश्लेषक मन को खाली करने, मन के निर्ग्रंथन के उपाय में सफल क्‍यों नहीं हो पाते?
३. क्या यह सच नहीं है कि कोई उपाय तब तक शक्तिशाली नहीं होता जब तक व्यक्ति को उसमें दाखिल न किया जाए।
४. अगर तादात्म्य अकेला पाप है तो अनेक विधियां ऐसा क्यों कहती हैं कि किसी चीज के साथ एकात्म हो जाओ?
19 Nov 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 17min audio