Hriday-Sutra (हृदय-सूत्र)

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तंत्र-सूत्र (विज्ञान भैरव तंत्र) भाग पांच
ओशो द्वारा भगवान शिव के विज्ञान भैरव तंत्र पर दिए गए 80 प्रवचनों में से 65 से 80 प्रवचनों का संकलन।
translated from
English : Vigyan Bhairav Tantra, Second Series, ch.65-80
notes
This book previously published as Tantra-Sutra, Bhag 5 (तंत्र-सूत्र, भाग पांच) (5 volume set), the fifth volume of the five-volume series Tantra-Sutra (तंत्र-सूत्र) (series), translations from the English series of talks on Vigyan Bhairav Tantra. It is not known whether this title has been used by Rebel/OMI or just by Hind.
time period of Osho's original talks/writings
Jul 25, 1973 to Nov 8, 1973 : timeline
number of discourses/chapters
16 (numbered 65-80)   (see table of contents)


editions

Hriday-Sutra (हृदय-सूत्र)

Year of publication : 2009
reprints 2011, 2014
Publisher : Hind Pocket Books
ISBN 978-81-216-1376-7 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 309
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :

Hriday-Sutra (हृदय-सूत्र)

Year of publication : 2019
Publisher : Hind Pocket Books
ISBN 9788121620734 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 328
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :

table of contents

edition 2014
chapter titles
discourses
event location duration media
65 जीवन एक रहस्य है
९२. निर्विचार क्षणों के प्रति सजग होओ
९३. शरीर को असीमित जानो
25 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 28min audio
66 अंतस का आकाश और रहस्य
१. आप किसे रहस्य कहते हैं?
२. मैं अपने को सामान्य अनुभव करता हूं, लेकिन कोई रूपांतरण नहीं देखता।
३. क्या अच्छे और बुरे जैसा कुछ होता है?
४. क्या कल्पना का उपयोग असीम के अनुभव के लिए किया जा सकता है?
26 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 22min audio
67 मन और पदार्थ के पार
९४. अपने को भरा हुआ अनुभव करो
९५. स्तनों पर अवधान को केंद्रित करो
27 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 35min audio
68 लक्ष्य की धारणा ही बंधन है
१. क्या कल्पना भी कामना नहीं है?
२. कल आपने कहा कि मन सत्य है, लेकिन फिर सभी गुरु मन को बाधा क्‍यों कहते हैं?
३. केंद्र के रूपांतरण पर इतना जोर क्‍यों है?
४. स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग विधियां क्यों हैं?
28 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 26min audio
69 एकांत दर्पण बन जाता है
९६. अनंत विस्तार में देखते रहो
९७. अनंत अंतरिक्ष को अपने आनंद-शरीर से भर दो
29 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 35min audio
70 तपश्चर्या: अकेलेपन से गुजरने का साहस
१. अकेलापन बहुत काटता है। क्या करें?
२. एकांत और पूर्णता में सामंजस्य कैसे बिठाएं?
३. संबंधों को बढ़ाएं या घटाएं?
४. यौन का आकर्षण क्या गर्भ में वापस लौटने का आकर्षण है?
५. आपका 'हम' से क्या तात्पर्य है?
30 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 25min audio
71 परिधि का विस्मरण
९८. अपने हृदय में शांति का अनुभव करो
९९. समस्त दिशाओं में व्याप्त हो जाओ
31 Jul 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 30min audio
72 असुरक्षा में जीना बुद्धत्व का मार्ग है
१. कृपया बुद्ध पुरुष के प्रेम को समझाएं।
२. क्या प्रेम गहरा होकर विवाह नहीं बन सकता?
३. क्या व्यक्ति असुरक्षा में जीते हुए निश्चिंत रह सकता है?
४. अतिक्रमण की क्या आवश्यकता है?
1 Aug 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 18min audio
73 रूपांतरण का भय
१००. अनासक्त रहो
१०१. अपने को सर्वशक्तिमान मानो
1 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 40min audio
74 संवेदनशीलता और आसक्ति
१. संवेदनशील होते हुए भी विरक्त कैसे हुआ जाए?
२. आप अपने ही शरीर को ठीक क्यों नहीं कर सकते?
३. स्वयं श्रम करें या आप पर सब छोड़ दें?
४. क्या सच में जीसस को पता नहीं था कि पृथ्वी गोल है?
2 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 34min audio
75 विपरीत ध्रुवों में लय की खोज
१०२. भीतर तथा बाहर आत्मा की कल्पना करो
१०३. कामना से लड़ो मत
१०४. देखने की सीमाएं
१०५. अस्तित्व की अखंडता को अनुभव करो
3 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 31min audio
76 काम-ऊर्जा ही जीवन-ऊर्जा है
१. तंत्र की विधियां काम से ज्यादा संबंधित नहीं लगती हैं।
२. ज्ञान और अज्ञान आपस में किस प्रकार संबंधित हैं?
३. कृष्णमूर्ति विधियों के विरोध में क्यों हैं?
४. व्यवस्था के हानि-लाभ क्या हैं?
4 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 33min audio
77 चेतना का विस्तार
१०६. प्रत्येक प्राणी हो जाओ
१०७. जानो कि केवल चेतना ही है
१०८. अपने ही आंतरिक मार्गदर्शक बनो
5 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 31min audio
78 अंतःप्रज्ञा से जीना
१. कुछ विधियां बहुत विकसित लोगों के लिए लगती हैं।
२. अंतर्विवेक को कैसे पहचानें?
३. क्या अंतःप्रज्ञा से जीने वाला व्यक्ति बौद्धिक रूप से कमजोर होगा?
6 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 23min audio
79 शून्यता का दर्शन
१०९. अपने शरीर को रिक्त अनुभव करो
११०. सक्रियता में लीलापूर्ण रहो
१११. ज्ञान और अज्ञान के पार
११२. भीतर के आकाश में प्रवेश करो
7 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 39min audio
80 पूर्णता एवं शून्यता का एक ही अर्थ है
१. यदि भीतर शून्य है तो इसे आत्मा क्यों कहते हैं?
२. बुद्ध पुरुष निर्णय कैसे लेता है?
३. संत लोग शांत जगहों पर ही क्यों रहते हैं?
४. आप कैसे जानते हैं कि चेतना शाश्वत है?
५. मेरे बुद्धत्व से संसार में क्या फर्क पड़ेगा?
8 Nov 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 26min audio