Letter written on 10 Nov 1960

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Letter written to Motilal Jain, a student in Raipur college, on 10 Nov 1960.

श्री मोतीलाल जैन,
बी. ए. (फाइनल), संस्कृत कॉलेज
रायपुर (म. प्र.)


प्रिय मोतीलाल,
स्नेह। तुम्हारा पत्र मिला, खुशी हुई। बी. ए. (फाइनल) की तैयारी में हो। पूरे मन से श्रम करना चाहिए। प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाते हैं। अंततः तो प्रयास ही प्राप्ति बन जाता है। प्रयास--अथक प्रयास, लगनशीलता और श्रेष्ठ महत्वाकांक्षा जीवन में हो तो सार्थकता और सफलता अनुपलब्ध नहीं रहती हैं। सफलता के लिए हार्दिक कामना।

सबको मेरा स्नेह पहुंचाना।

रजनीश के शुभाशीष।
१० नवं. १९६०


See also
Letters to Motilal Jain ~ 02 - The event of this letter.