Letter written on 11 Oct 1968

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Letter written to Shobhana (Ma Yoga Shobhana) on 11 Oct 1968. It has been published in Wah Pati Ab! Wah Kahan! (वह पाती अब! वह कहाँ!) (p.56), it is unknown if published before 2014.

acharya rajneesh

kamala nehru nagar : jabalpur (m. p.). phone : 2957

प्यारी शोभना,
प्रेम। तेरा बहु-प्रतीक्षित पत्र आज पहुँचा है।
नारियों की दुर्दशा के संबंध में तूने पूछा है।
उस संबंध में सामूहिक संघर्ष के अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं है।
यह इस या उस व्यक्ति का प्रश्न नहीं है। यह प्रश्न तो मनुष्य की अबतक की सारी धारणाओं का ही है। समाज ने नारी के प्रति जो दृष्टि अपनाई है, वही दूषित है। और आजतक जिसे परिवार कहा गया है उसका समस्त संगठन ही विषाक्त है।
इसलिए प्रश्न संतोष, शांति या सांत्वना से हल होनेवाला नहीं है।
शांती नहीं, चाहिए क्रांति।

पूरी बात तो तभी हो सकेगी, जब मिलेगी।
वहां सबको मेरे प्रणाम।

रजनीश के प्रणाम

११/१०/१९६८


See also
Letters to Shobhana ~ 03 - The event of this letter.