Revision as of 09:07, 6 May 2022 by Dhyanantar(talk | contribs)(Created page with "Letter written to Vijay on 25th November 1962 in the afternoon. {| class = "wikitable" style="margin-left: 50px; margin-right: 100px;" |- |image:Letters to Vijay01.jpg|righ...")
Letter written to Vijay on 25th November 1962 in the afternoon.
आचार्य रजनीश
दर्शन विभाग
११५, नेपियर टाउन,
जबलपुर (म. प्र.)
प्रिय विजय,
स्नेह। मैं 21 तारीख को तुम्हारी बारात में नहीं आ सका उसके लिए दुखी हूँ और क्षमा प्रार्थी हूँ। 21 तारीख को मेल पर एक बर्थ का रिजर्वेशन 10 दिन पूर्व ही करा लिया था लेकिन 23 तारीख को विश्वविद्यालयीन बोर्ड ऑफ स्टडीज की अनायास बैठक के कारण आना संभव नहीं था। रिजर्वेशन रद्द करने के कारण व्यर्थ ही टिकिट का 20% कटा और मैं उपस्थित भी नहीं हो सका। पर मैं आशा करता हूँ कि सब कार्य सकुशल सम्पन्न हो गये होंगे। परिवार में सबको मेरे प्रणाम कहना और मेरी ओर से क्षमायाचना भी मांग लेना। श्रीमती विजय को भी मेरा स्नेह कहना। शेष शुभ। आओ तो मिलना।