Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)
- महावीर की क्रांति इसी बात में है कि वे कहते हैं कोई हाथ ऐसा नहीं है जो तुम्हें आगे बढ़ाए। और किसी काल्पनिक हाथ की प्रतीक्षा में जीवन को व्यय मत कर देना। कोई सहारा नहीं है सिवाय उसके, जो तुम्हारे भीतर है और तुम हो। कोई और सुरक्षा नहीं है, कोई और हाथ नहीं है जो तुम्हें उठा लेगा, सिवाय उस शक्ति के जो तुम्हारे भीतर है, अगर तुम उसे उठा लो। महावीर ने समस्त सहारे तोड़ दिए। महावीर ने समस्त सहारों की धारणा तोड़ दी। और व्यक्ति को पहली दफा उसकी परम गरिमा में और महिमा में स्थापित किया है। और यह मान लिया है कि व्यक्ति अपने ही भीतर इतना समर्थ है, इतना शक्तिवान है कि यदि अपनी समस्त बिखरी हुई शक्तियों को इकट्ठा करे और अपने समस्त सोए हुए चैतन्य को जगाए, तो अपनी परिपूर्ण चेतन और जागरण की अवस्था में वह स्वयं परमात्मा हो जाता है।
- notes
- Title means roughly, "Mahaveer or Catastrophe". Talks for this series appear to have been given in Pune and Mumbai, likely scattered over time. Most have audio versions but not all. See discussion for a TOC and such details as there are.
- time period of Osho's original talks/writings
- from Apr 13, 1965 to ?? : timeline
- number of discourses/chapters
- 7-12
editions
Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)
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Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)
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Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)अब और देर नहीं, अब भी समय है (Ab Aur Der Nahin, Ab Bhi Samay Hai)
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Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)अब और देर नहीं, अब भी समय है (Ab Aur Der Nahin, Ab Bhi Samay Hai)
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Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)
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Mahaveer Ya Mahavinash (महावीर या महाविनाश)अब और देर नहीं, अब भी समय है (Ab Aur Der Nahin, Ab Bhi Samay Hai)
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