Prem Kya Hai (प्रेम क्या है): Difference between revisions

From The Sannyas Wiki
Jump to navigation Jump to search
(Created page with "{{book| description = "प्रेम करो! प्रेम से जीओ! और प्रेम से जो सहज-स्फूर्त हो, वह शु...")
 
No edit summary
 
Line 9: Line 9:
nofd = |
nofd = |
editions =  
editions =  
{{bookedition|Prem Kya Hai.jpg| |2006|Manoj Publications| |978-8131002346|364|P|}}
{{bookedition|Prem Kya Hai.jpg| |2006|Manoj Publications| |978-81-310-0234-6|364|P|}}
|
|
language = Hindi |
language = Hindi |
}}
}}

Latest revision as of 04:36, 30 March 2019


"प्रेम करो! प्रेम से जीओ! और प्रेम से जो सहज-स्फूर्त हो, वह शुभ है। लेकिन ऊपर से आचरण आरोपित नहीं होना चाहिए। सुशीला, पुरुषों के शास्त्रों से थोड़ा सावधान रहना। स्त्रियों ने कोई शास्त्र नहीं लिखे, लिखने ही नहीं दिए। पढ़ने नहीं दिए तो लिखने तो क्या देंगे! मनाही कर दी स्त्रियों को कि वेद पढ़ने की मनाही है। कुरान पढ़ने की मनाही है। जब पढ़ने ही नहीं देंगे तो लिखने का तो सवाल ही नहीं उठता।
अब ये सब जाल तोड़ो, यह पागलपन छोड़ो। प्रेम जरूर करो, लेकिन प्रेम समानता में मानता है और प्रेम स्वतंत्रता में मानता है। प्रेम गुलामी नहीं है। न तो खुद गुलाम होता है प्रेम, न दूसरे को गुलाम बनाता है। प्रेम खुद भी मुक्त होता है, दूसरे को भी मुक्त करता है। प्रेम तो मुक्तिदायी है। प्रेम तो मोक्ष है।" ओशो
notes
time period of Osho's original talks/writings
(unknown)
number of discourses/chapters


editions

Prem Kya Hai (प्रेम क्या है)

Year of publication : 2006
Publisher : Manoj Publications
ISBN 978-81-310-0234-6 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 364
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :