Sahaj Mile Avinashi ~ 07: Difference between revisions
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Revision as of 02:29, 6 November 2020
सहज मिले अविनाशी ~ 07
event type | discourse |
date & time | 13 May ~ 25 July 1971 |
location | Woodlands, Bombay |
language | Hindi |
audio | Available, duration 1h 4min. Quality: good (under revision). |
online audio | |
video | Not available |
online video | |
see also |
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online text | find a PDF of this event |
- synopsis
- The first 8 minutes on the audio is a conversation between Harivansh Rai Bachchan (HB), his sister, and Osho. These words were not previously transcribed, we could not find it in any publications. It has been kindly transcribed by Dilip Sodha.
- The conversation is about previous and future events, like invitations to camps.
- HB:... कहां है आजकल - आपका पता ही नहीं रहता?....
- Osho: (laughs)... फल ले लेंगे, बैठिए आप।... लेंगे न। (Osho laughs)... बैठिए बैठिए। मालूम था कि बच्चनजी कुछ लेकर आएंगे।.... अब बिल्कुल अच्छा हूँ।
- HB: पिछले मौसम में आया था तो आप अहमदाबाद थें।
- Osho: हाँ अहमदाबाद था। अभी दो दिन हुए?
- HB: हां मुझे दो दिन हुए।.. मैं सोमवार को आया। आया था कुछ काम से। काम यह था कि मैं लिखना पढ़ना तो मैं भी करता हूँ। तो मैं जब कैंब्रिज में था तब डायरी अपनी लिखा करता था। ......उसको 'प्रवास की डायरी' के नाम से लिख दिया। करीब 600 पेजिस। डायरी लिखता था अपनी आत्मकथा के लिए।
- Osho: तो वह यहां प्रकाशित कर रहे हैं?
- HB: प्रकाशित करुंगा दिल्ली से ही मगर एडिट के लिए एक आदमी को यहां बिठाएंगे.... और बताईये।
- Osho: कब तक रुकें है?
- HB: सोमवार तक।...इस बीच कहीं आपका प्रवचन हो तो आना चाहूँगा। सोमवार को मैं फ्रन्टियर से जा रहा हूँ।
- Osho: मैं चाहता हूँ एक केम्प में आप आए।
- HB: हां।
- Osho: अभी एक केम्प आबु था। बहुत अद्भुत केम्प था।
- HB: हं।
- Osho: चार सौ मित्र थें। बहुत...
- HB: अब केम्प कब होनेवाला है?
- Osho: एक केम्प अगस्त में होगा - देवलालि में।
- HB: अच्छा।
- Osho: और एक केम्प होगा अक्टूबर में उदयपुर के पास जयसमंद। वो केम्प बहुत बढ़िया होगा।
- HB: मैं वहीं आऊंगा।
- Osho: उदयपुर के पास बत्तीस मिल दूर है।
- HB: वह बहुत अच्छा होगा। और यह जो देवलालि में?
- Osho: यह भी बहुत अच्छा होगा। लेकिन वह जगह बहुत अद्भुत है।
- HB: अच्छा।
- Sister : जयपुर तरफ...
- Osho: नब्बे मिल की झील है। और दुनिया की सबसे बड़ी आर्टिफिशियल झील है। और एकदम एकांत isolation. वहां तो सारे महल जो भी बुकिंग हो.... तो बने तो उदयपुर - नहीं तो देवलालि भी अच्छी जगह है।
- HB: रहने की सुविधा है?
- Osho: वह तो सारा इन्तजाम है। आप उसकी चिंता न करें।
- HB: अगस्त?
- Osho: एक से सात अगस्त - तय होगा, मैं आप को लिखवा दूंगा।
- HB: (inaudible)
- Osho: नहीं मैं आपको लिखवा दूंगा। लालाजी को सब खबर होती है।
- HB: आप दिल्ली नहीं आते?
- Osho: अभी मैंने यात्रा कम की हैं।
- HB: हां, आपकी तबियत...।
- Osho: (laughs). यात्रा थोडी कम की हैं। केम्प पर कोंसन्ट्रेट करता हूँ।... और क्या चल रहा है? कुछ नया लिख रहे हैं?
- HB: दो भाग लिख चुका हूँ। तीन चार भाग में लिख रहा हूं।…
- Osho: इस को भी एक हिस्से की तरह पब्लिश करेंगे?
- HB: प्रवास की डायरी है, यह नव महिने की डायरी है।... क्या किया, क्या पढा, किस किस के संपर्क में आया - सब कुछ...... अच्छा लगता है पढ़ने का..
- Osho: हं। आप यहीं रहते हैं?
- HB:..... मैंने कह दिया था कि आचार्य जी को...... यह मेरी बहन है।
- (HB introduces his sister and family members... Osho asks about Durga and Gopal Ji....)
- Osho: अभी गीता पर बोल रहा हूं।
- HB: एक भाग निकल गया?
- Osho: दो भाग निकले। एक आ गया। दूसरा भी आ रहा है। यह देढ वर्ष तो गीता पर ही बोलूंगा क्योंकि इससे कम नहीं.... अभी आबु में ईशावास्योपनिषद...... ओ भी जल्दी आ जायेगी किताब। वह आप को भिजवा दूंगा।
- HB:... हमको सूचना मिल जाए तो किताब...
- Osho: नहीं, आपको सब सूचना मिल जाएगी।
- HB:... यह किताबे मेरे पास है....
- Osho: नहीं, भिजवा देंगे।
- Sister:..जबलपुर....
- Osho: नहीं अब तो मैं कायम रहूंगा... मैं घुमते रहता था.....
- HB: युक्रान्द भी अभी बड़ा अनियमित हो गया है ... .
- Osho: मैं वहां से हट गया तो वहां सब गडबड हो गया।...
- HB: अभी निकल रहा है?
- Osho: हां निकल रहा है।.... वह जबलपुर से निकलेगा। उसको हटा लेंगे तब व्यवस्थित होगा।..... जब तक मैं वहां था तब तक...
- HB: तो बोम्बे में आपका कार्यक्रम क्या है?
- Osho: बम्बई में बहुत कार्यक्रम है।......
- After this the discourse proper starts.
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