Letter written on 8 Oct 1967: Difference between revisions

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Letter written to Pratap J. Toliya on 8 Oct 1967. It is unknown if it has been published or not.
Letter written to [[Pratap J. Toliya]] on 8 Oct 1967. It is unknown if it has been published or not.


[[Sw Satya Anuragi]] kindly shared this and other 17 letters to Pratap.
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Latest revision as of 09:21, 8 October 2023

Letter written to Pratap J. Toliya on 8 Oct 1967. It is unknown if it has been published or not.

Sw Satya Anuragi kindly shared this and other 17 letters to Pratap.


Acharya Rajnish

115, Napier Town : Jabalpur (M. P.)

प्रिय प्रताप,
प्रेम। तुम्हारा पत्र मिला है। आजोल शिविर ४, ५, ६ फरवरी रखा जा रहा है। और तुमने चाहा है कि मैं २९ दिसंबर को मेहसाना आऊं। यह हो सकता है। २६, २७, २८, २९ दिसम्बर के लिए तुम मेहसाना, विसनगर और जहां भी चाहो वहां के लिए कार्यक्रम बना सकते हो। मैं २६ की सुबह अहमदाबाद पहुंच जाऊंगा और २९ की रात्रि अहमदाबाद से बम्बई के लिए निकलूंगा। इस बीच तुम जैसा चाहो वैसा कार्यक्रम बना सकते हो। मैं इस पत्र की प्रतिलिपि श्री. रमण भाई को भेज रहा हूं। तुम उनसे पत्र व्यवहार करके शेष सारी व्यवस्था कर सकते हो। शेष शुभ। तुम्हारी स्वीकृति का पत्र आते ही मैं उपरोक्त तिथियां तुम्हारे लिए निश्चित कर सकूंगा। वहां सबको प्रणाम।

रजनीश के प्रणाम

८/१०/१९६७


पुनश्च:

१. साधना शिविर का संस्मरण लेख भी मिल गया है। बहुत अच्छा बना है। उसे बम्बई "जैन जगत" में प्रकाशन के लिए भेजा है। शेष किश्तें भी मेरे पास भेज देना। बड़ा होने से 'धर्मयुग' में नहीं निकल सकेगा। यदि एक छोटा और संक्षिप्त संस्मरण लेख लिखो तो उसे दिल्ली के 'साप्ताहिक हिंदुस्तान' में भेज दो।

२. मैं तुम्हें निकट बुलाने के लिए विचार कर रहा हूं। मुझे भी खुशी होगी। जल्दी ही कोई अवसर बन जायेगा। बहुत काम तुमसे लेना है।

३. अहमदाबाद का कार्यक्रम स्थगित हो गया है। लेकिन संभवत: शीघ्र ही मैं पाटण आऊंगा। तुम्हें पूर्व सूचना दे दूंगा। आ जाओगे तो अच्छा होगा। अहमदाबाद का कार्यक्रम भी शीघ्र ही होगा। संभव हो तो श्रीमती होलिया को भी साथ लेते आओ। उसे भी मैं मिलना चाहूंगा।


See also
Letters to Pratap ~ 13 - The event of this letter.