Talk:Ami Jharat, Bigsat Kanwal (अमी झरत, बिगसत कंवल)
- प्रवचन (TOC):
- 1: नमो नमो हरि गुरु नमो
- 2: कितना है जीवन अनमोल
- 3: बिरहिन का घर बिरह में
- 4: संसार की नींव, संन्यास के कलश
- 5: जागे में फिर जागना
- 6: अपने मांझी बनो
- 7: जो जागे सो सबसे न्यारा
- 8: सृजन की मधुर वेदना
- 9: मेरे सतगुरु कला सिखाई
- 10: यह मशाल जलेगी
- 11: एक राम सारै सब काम
- 12: नया मनुष्य
- 13: अमी झरत, बिगसत कंवल
- 14: अंतर-जगत की फाग
Formerly, the one edition with any info at all had an ISBN 81-8393-182-0, not found anywhere but Osho World. Now there is the RF edition, with info also somewhat incomplete but we're workin' on it. -- doofus-9 05:45, 18 June 2017 (UTC)