Jeevan Kranti Ke Sutra (जीवन क्रांति के सूत्र) (Sannyas book): Difference between revisions

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सवाल पूछा गया- क्या जिंदगी में रूपांतरण संभव है? शैलेन्द्र जी ने कहा- हां, बड़ी सुगमता से संभव है। जिस प्रकार मेरे जीवन में क्रांति घटी, उसी प्रकार तुम्हारे जीवन में घट सकती है। सभी के जीवन में घट सकती है। भीतर आनन्द का फूल खिल सकता है। बाहर दूर-दूर तक प्रेम की सुगंध फैल सकती है। यह कैसे संभव हो? दस बिंदुओं पर आपका ध्यान लाना चाहूंगा- 1. संसार से अनासक्ति 2. धर्मों के जाल से मुक्ति 3. साधु संगति 4. सद्गुरु से प्रीति 5. चेतना की जागृति 6. शांति की प्राप्ति 7. आंतरिक स्वर की प्रतीति 8. प्रभु के प्रति अनुरक्ति 9. अद्वैत की अनुभूति 10. करूणा की उत्पत्ति सद्गुरु ओशो की कृपा से ऐसी क्रांति घटी कि घर ही मैकदा बन गया। जिंदगी जलसा बन गई। बंदा खुद, खुदा बन गया। भक्त भगवान हो गया। जीवन एक उत्सव, एक जश्न, एक महारास हो गया। सुनो यह प्यारा गीत- कैसी चली है अब ये हवा ओशोधारा में! बंदे भी हो गए हैं खुदा ओशोधारा में! ना जाने क्या हुआ कि सभी झूमने लगे, हर सांस-सांस जश्न इुई ओशोधारा में! ना दुश्मनी का ढब है यहां न दोस्ती के तौर, दोनों का रंग एक हुआ ओशोधारा में! कल की न याददाश्त, न कल का कोई ख्वाब, जलसा है आज जिंदगी ओशोधारा में! मंजिल पे पहुंचने को दुनिया है परेशां, राहों का मजा लूट रहे ओशोधारा में! देखो मेरे साकी-ओशो का करिश्मा, घर-घर बना है मैकदा ओशोधारा में! आओ, स्वागत है इस रसपूर्ण क्रांति में।
author
Osho Shailendra
language
Hindi
notes
Available online as PDF on OshoDhara.

editions

जीवन क्रांति के सूत्र

Year of publication : 2008/2014?
Publisher :
Edition no. :
ISBN 978-9385200687 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 127
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :