Us: Path Ke Pathik (उस : पथ के पथिक): Difference between revisions
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description =सूफ़ी धर्म में एक ख़ास तरह का आकर्षण है, एक अनूठे किस्म का जादू है, जो किसी किताब या धर्मशास्त्र से नहीं, केवल एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है... ...एक सूफ़ी के लिए परमात्मा एक विचार नहीं है, वह उसी के वास्तविक अस्तित्व में जीवित रहता है। वह ऊपर कहीं स्वर्ग में किसी सिंहासन पर नहीं बैठा हुआ है, नहीं, वह अभी और यहीं है। वह हर ओर, हर कहीं, प्रत्येक स्थान पर है। इस सम्पूर्ण अस्तित्व का नाम ही परमात्मा है।... ...सूफ़ी वर्तमान में जीता है। वर्तमान में जीने के लिए जो मूल आवश्यकता है, वह है, अतीत से अपने को बाहर निकाल लेना और साथ ही आने वाले भविष्य से भी अलग कर लेना!... ...स्मरण रहे, सूफ़ी धर्म प्रेम का मार्ग है!... सदी के महान गुरु ओशो की अद्भुत - अपूर्व वाणी से बिखरे सूफ़ी पथ के रूहानी मोती - जवाहर, जिनकी चकाचौंध में ‘उस’ पथ का पथिक बढ़ता चला जाता है। | | description =सूफ़ी धर्म में एक ख़ास तरह का आकर्षण है, एक अनूठे किस्म का जादू है, जो किसी किताब या धर्मशास्त्र से नहीं, केवल एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है... ...एक सूफ़ी के लिए परमात्मा एक विचार नहीं है, वह उसी के वास्तविक अस्तित्व में जीवित रहता है। वह ऊपर कहीं स्वर्ग में किसी सिंहासन पर नहीं बैठा हुआ है, नहीं, वह अभी और यहीं है। वह हर ओर, हर कहीं, प्रत्येक स्थान पर है। इस सम्पूर्ण अस्तित्व का नाम ही परमात्मा है।... ...सूफ़ी वर्तमान में जीता है। वर्तमान में जीने के लिए जो मूल आवश्यकता है, वह है, अतीत से अपने को बाहर निकाल लेना और साथ ही आने वाले भविष्य से भी अलग कर लेना!... ...स्मरण रहे, सूफ़ी धर्म प्रेम का मार्ग है!... सदी के महान गुरु ओशो की अद्भुत - अपूर्व वाणी से बिखरे सूफ़ी पथ के रूहानी मोती - जवाहर, जिनकी चकाचौंध में ‘उस’ पथ का पथिक बढ़ता चला जाता है। | | ||
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Revision as of 06:06, 29 February 2020
- सूफ़ी धर्म में एक ख़ास तरह का आकर्षण है, एक अनूठे किस्म का जादू है, जो किसी किताब या धर्मशास्त्र से नहीं, केवल एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है... ...एक सूफ़ी के लिए परमात्मा एक विचार नहीं है, वह उसी के वास्तविक अस्तित्व में जीवित रहता है। वह ऊपर कहीं स्वर्ग में किसी सिंहासन पर नहीं बैठा हुआ है, नहीं, वह अभी और यहीं है। वह हर ओर, हर कहीं, प्रत्येक स्थान पर है। इस सम्पूर्ण अस्तित्व का नाम ही परमात्मा है।... ...सूफ़ी वर्तमान में जीता है। वर्तमान में जीने के लिए जो मूल आवश्यकता है, वह है, अतीत से अपने को बाहर निकाल लेना और साथ ही आने वाले भविष्य से भी अलग कर लेना!... ...स्मरण रहे, सूफ़ी धर्म प्रेम का मार्ग है!... सदी के महान गुरु ओशो की अद्भुत - अपूर्व वाणी से बिखरे सूफ़ी पथ के रूहानी मोती - जवाहर, जिनकी चकाचौंध में ‘उस’ पथ का पथिक बढ़ता चला जाता है।
- translated from
- English: Sufis: The People of the Path, Vol 1, ch 1-8
- notes
- See Talk:Abhi, Yahin, Yah (अभी, यहीं, यह) for other translations of Sufis, Vols 1 and 2.
- time period of Osho's original talks/writings
- Aug 11, 1977 to Aug 18, 1977 : timeline
- number of discourses/chapters
- 8 (see table of contents)
editions
Us: Path Ke Pathik (उस : पथ के पथिक)
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Us: Path Ke Pathik (उस : पथ के पथिक)
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table of contents
edition 2010 chapter titles |
discourses | |||||||
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event | location | duration | media | |||||
1 | एक अनूठे क्रिस्म का जादू | 11 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 38min | audio | |||
2 | सभी से छिपकर | 12 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 31min | audio | |||
3 | तरीका : एक विधि, एक मार्ग | 13 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 46min | audio | |||
4 | प्रेम वस्तुओं को भेंट नहीं कर सकता | 14 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 37min | audio | |||
5 | गाता और गुनगुनाता हुआ मौन | 15 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 35min | audio | |||
6 | असंभव को पाने की लालसा | 16 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 36min | audio | |||
7 | एक यांत्रिक मनुष्य से बुद्धत्व की ओर | 17 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 37min | audio | |||
8 | एक विशिष्ट वातावरण | 18 Aug 1977 am | Buddha Hall, Poona | 1h 33min | audio |