Letter written on 21 Feb 1967: Difference between revisions

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Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 21 Feb 1967. It is unknown if it has been published or not.
 
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Acharya Rajnish
 
115, Napier Town, Yogesh Bhavan, Jabalpur (M.P.)
 
प्यारी सोहन,<br>
प्रेम। <br>
तेरे पत्र।
 
मैं २ मार्च को बम्बई पहुँच रहा हूँ। वहां से आणंद जाऊँगा। ३ मार्च आणंद और ४,५,६ मार्च अहमदाबाद बोल रहा हूँ। ७ की सुबह बम्बई आकर संध्या जबलपुर लौटूँगा। फिर २०,२१, २२,२३ मार्च पुनः बम्बई आऊँगा। तब तू बम्बई आजाना। फिर अप्रैल में तो पूना आना ही है।
 
शेष शुभ। आज दोपहर मंडला जा रहा हूँ। वहां से कान्हा किसली और नैनपुर जाऊँगा। और फिर रामगढ़।
 
माणिक बाबू को प्रेम।
 
बच्चों को आशीष।
 
रजनीश के प्रणाम
 
२१/२/१९६७
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Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 21 Feb 1967. It is unknown if it has been published or not. We are awaiting a transcription and translation.
पुनश्चः सौ० उर्मिला जी का यहां से स्थानांतरण पूना हो गया है। उनके पति कर्नल आर. जी. सिंह तो चले भी गये हैं और अगले माह वे भी वहां पहुँच जावेंगी। मैं उन्हें पत्र दिया हूँ। संभवतः वे तुझे या तो फोन करेंगे या स्वतः ही मिलने आवेंगे। उर्मिलाजी से तो तेरा मिलना होही गया है। उन्होंने अपने घर भी तुझे बुलाया था लेकिन खजुराहो के कारण तू नहीं जासकी थी।
 
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Revision as of 05:18, 10 March 2020

Letter written to Ma Yoga Sohan on 21 Feb 1967. It is unknown if it has been published or not.

Acharya Rajnish

115, Napier Town, Yogesh Bhavan, Jabalpur (M.P.)

प्यारी सोहन,
प्रेम।
तेरे पत्र।

मैं २ मार्च को बम्बई पहुँच रहा हूँ। वहां से आणंद जाऊँगा। ३ मार्च आणंद और ४,५,६ मार्च अहमदाबाद बोल रहा हूँ। ७ की सुबह बम्बई आकर संध्या जबलपुर लौटूँगा। फिर २०,२१, २२,२३ मार्च पुनः बम्बई आऊँगा। तब तू बम्बई आजाना। फिर अप्रैल में तो पूना आना ही है।

शेष शुभ। आज दोपहर मंडला जा रहा हूँ। वहां से कान्हा किसली और नैनपुर जाऊँगा। और फिर रामगढ़।

माणिक बाबू को प्रेम।

बच्चों को आशीष।

रजनीश के प्रणाम

२१/२/१९६७


पुनश्चः सौ० उर्मिला जी का यहां से स्थानांतरण पूना हो गया है। उनके पति कर्नल आर. जी. सिंह तो चले भी गये हैं और अगले माह वे भी वहां पहुँच जावेंगी। मैं उन्हें पत्र दिया हूँ। संभवतः वे तुझे या तो फोन करेंगे या स्वतः ही मिलने आवेंगे। उर्मिलाजी से तो तेरा मिलना होही गया है। उन्होंने अपने घर भी तुझे बुलाया था लेकिन खजुराहो के कारण तू नहीं जासकी थी।


See also
Letters to Sohan ~ 087 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.