Letter written on 25 Jul 1967 (Sohan): Difference between revisions
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ACHARYA<br> | |||
RAJNISH | |||
115, NAPIER TOWN : JABALPUR (M.P.) | |||
प्यारी सोहन,<br> | |||
प्रेम। तेरा पत्र नहीं है। मैं न लिख पाऊँ तो इसका यह अर्थ तो नहीं है कि तुझे भी नहीं लिखना है ? | |||
मैं १२ अगस्त को बम्बई पहुँच रहा हूँ। तू | |||
मुझे कल्याण मिल रही है न ? बम्बई १३,१४,१५ | |||
अगस्त का कार्यक्रम है। वहां से मैं १६ की संध्या | |||
वापस होऊँगा। | |||
पूना से श्री० पुंगलिया जी का तार मिला था। मैंने उन्हें सितम्बर के लिए कार्यक्रम देदिया है। २ सित. की संध्या मैं पूना पहुँचूगा। ३ और ४ सुबह व्याख्यान रखने है। संभव हो तो ३ की संध्या घोड़नदी जाकर चन्दन से मिल आना है। ४ की दोपहर मैं अहमदाबाद जाऊँगा। शेष शुभ। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष। | |||
रजनीश के प्रणाम | |||
२५/७/१९६७ | |||
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Revision as of 12:26, 10 March 2020
Letter written to Ma Yoga Sohan on 25 Jul 1967. It is unknown if it has been published or not.
ACHARYA 115, NAPIER TOWN : JABALPUR (M.P.) प्यारी सोहन, मैं १२ अगस्त को बम्बई पहुँच रहा हूँ। तू मुझे कल्याण मिल रही है न ? बम्बई १३,१४,१५ अगस्त का कार्यक्रम है। वहां से मैं १६ की संध्या वापस होऊँगा। पूना से श्री० पुंगलिया जी का तार मिला था। मैंने उन्हें सितम्बर के लिए कार्यक्रम देदिया है। २ सित. की संध्या मैं पूना पहुँचूगा। ३ और ४ सुबह व्याख्यान रखने है। संभव हो तो ३ की संध्या घोड़नदी जाकर चन्दन से मिल आना है। ४ की दोपहर मैं अहमदाबाद जाऊँगा। शेष शुभ। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष। रजनीश के प्रणाम २५/७/१९६७ |
- See also
- Letters to Sohan ~ 092 - The event of this letter.
- Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.