Letter written on 21 Feb 1971 (KSaraswati): Difference between revisions

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प्रिय कृष्ण सरस्वती,<br>
प्रिय कृष्ण सरस्वती,<br>
प्रेम। तर्क और न्रृत्य एक नहीं है।
प्रेम। तर्क और सत्य एक नहीं है।


न ही गणित और जीवन ही एक हैं।
न ही गणित और जीवन ही एक हैं।

Revision as of 08:54, 13 April 2020

Letter written to Sw Krishna Saraswati on 21 Feb 1971. It is unknown if it has been published or not

acharya rajneesh

A-1 WOODLAND PEDDAR ROAD BOMBAY-26. PHONE: 382184

प्रिय कृष्ण सरस्वती,
प्रेम। तर्क और सत्य एक नहीं है।

न ही गणित और जीवन ही एक हैं।

दो पक्षियों को बांध दो एक साथ।

अब उनके पास दो गुने पंख हैं।

निश्चय ही अब उन्हें उड़ने में सुविधा होनी चाहिए।

दोगुनी शक्ति से वे उड़ सकते हैं।

या, दोगुने फासले को पार कर सकते हैं।

पर वस्तुतः वे उड़ेंगे ही नहीं -- क्योंकि उड़ ही न सकेंगे।

क्योंकि, गणित और जिंदगी एक नहीं हैं।

क्योंकि, तर्क और सत्य एक नहीं हैं।

रजनीश के प्रणाम

२१/२/१९७१


See also
Letters to Sw Krishna Saraswati ~ 05 - The event of this letter.