Letter written on 15 Sep 1960: Difference between revisions

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(transcript to be added)
:प्रिय गुलाब भाई,
 
:आपका निमंत्रण मिला। अत्यन्त अनुग्रहीत हूँ। ७ या ३ दिन का समय दे पाना तो संभव नहीं है। एक दिन के लिए आना हो सकता है। २५ सित. को मुझे नरसिंहपुर में बोलना है इसलिए २४ को गाडरवारा रखलें तो सुविधानुसार आना होसकता है। कल ही वर्धा से लौटा हूँ वहां तीन व्याख्यान आयोजित थे। २४ सित. को रख सकें तो शीघ्र सुचित करदें ताकि उस तिथि को कोई अन्य कार्य पूर्व-निश्चित न करूँ। शेष शुभ। सब को मेरे प्रणाम कहें।
 
:रजनीश के प्रणाम
:१५ सित. '६०


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Revision as of 15:53, 4 May 2021

Letter to Gulab Bhai Soni, Gadarwara. It is unknown if it was published.

प्रिय गुलाब भाई,
आपका निमंत्रण मिला। अत्यन्त अनुग्रहीत हूँ। ७ या ३ दिन का समय दे पाना तो संभव नहीं है। एक दिन के लिए आना हो सकता है। २५ सित. को मुझे नरसिंहपुर में बोलना है इसलिए २४ को गाडरवारा रखलें तो सुविधानुसार आना होसकता है। कल ही वर्धा से लौटा हूँ वहां तीन व्याख्यान आयोजित थे। २४ सित. को रख सकें तो शीघ्र सुचित करदें ताकि उस तिथि को कोई अन्य कार्य पूर्व-निश्चित न करूँ। शेष शुभ। सब को मेरे प्रणाम कहें।
रजनीश के प्रणाम
१५ सित. '६०