Letter written on 9 Aug 1965 om: Difference between revisions
Dhyanantar (talk | contribs) No edit summary |
Dhyanantar (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[image:Sohan img603.jpg|right|300px]] | Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 9 Aug 1965 in the afternoon. It is unknown if it has been published or not. | ||
{| class = "wikitable" style="margin-left: 50px; margin-right: 100px;" | |||
|- | |||
|[[image:Sohan img603.jpg|right|300px]] | |||
आचार्य श्री रजनीश | |||
प्रिय सोहन,<br> | |||
प्रेम। तेरा प्यारा पत्र मिला। मैं बहुत व्यस्त था,इसलिए शीघ्र उत्तर संभव नहीं हुआ। तेरे पिताजी आये थे। एक दिन यहां रूककर गये हैं। शिविर में आवेंगे। ध्यान में उनकी बहुत उत्सुकता पैदा हुई है। शेष शुभ। मैं २४ और २५ अगस्त कलकत्ता बोल रहा हूँ। <u>२५ अगस्त की रात्रि १० बजे के करीब प्लेन से बम्बई पहुँचूंगा।</u> वहां से ट्रेन से पूना आना है। माणिक बाबू को कहना कि जैसी व्यवस्था करनी हो,करलें। यशा वहां से मेरे साथ पूना आना चाहती है। तू और माणिक बाबू यदि बम्बई न आसकेँ तो यशा मुझे लेआवेगी। यदि तू आवे तबतो बहुतही अच्छा है। श्री रमणभाई और यशा को फोन पर जैसा भी तय हो, वैसा सूचित करदेना। पूना मैं २६ और २७ रुकूंगा। २७ अग. की रात्रि बम्बई से अहमदाबाद के लिए गुजरात मेल पकड़नी है। उसकी भी व्यवस्था कर लेना। २८ अहमदाबाद बोलकर रात्रि | |||
____________________________________________<br> | |||
जीवन जागृती केन्द्र : ११५ नेपियर टाउन : जबलपुर (म. प्र.) | |||
---- | |||
[[image:Sohan img602.jpg|right|300px]] | [[image:Sohan img602.jpg|right|300px]] | ||
प्लेन से बम्बई आजाऊँगा २९ और ३० बम्बई रहूँगा। ३० की संध्या वापिस होना है। जैसा तय हो,मुझे लिख देना। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष। | |||
रजनीश के प्रणाम | |||
दोपहरः<br> | |||
९/८/१९६५ | |||
|} | |||
Revision as of 08:34, 26 February 2020
Letter written to Ma Yoga Sohan on 9 Aug 1965 in the afternoon. It is unknown if it has been published or not.
आचार्य श्री रजनीश प्रिय सोहन, ____________________________________________ प्लेन से बम्बई आजाऊँगा २९ और ३० बम्बई रहूँगा। ३० की संध्या वापिस होना है। जैसा तय हो,मुझे लिख देना। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष। रजनीश के प्रणाम दोपहरः |
- See also
- Letters to Sohan ~ 032 - The event of this letter.
- Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.