Letter written on 20 Aug 1965: Difference between revisions

From The Sannyas Wiki
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[image:Sohan img599.jpg|right|300px]]
Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 20 Aug 1965. It is unknown if it has been published or not.


Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 20 Aug 1965. It is unknown if it has been published or not. We are awaiting a transcription and translation.
{| class = "wikitable" style="margin-left: 50px; margin-right: 100px;"
|-
|[[image:Sohan img599.jpg|right|300px]]
 
आचार्य रजनीश
 
सोहन,<br>
प्रेम। इधर देर से तुझे पत्र लिखना संभव नहीं हुआ। लिखने की प्रतिपल सोचता रहा और समय नहीं पासका। पर तुझे क्या हुआ है ? तेरा भी पत्र नहीं है। रोज बाट जोहता हूँ। डाक आतीहै पर तेरा लिफाफा नहीं दिखाई पड़ता तो सोचता हूँ कि संध्या आवेगा। संध्या नहीं आता है तो सुबह की प्रतीक्षा करता हूँ। जल्दी जल्दी लिखाकर। मैं आनंद में हूँ। २३अगस्त की दोपहर कलकत्ता जारहा हूँ -- लेकिन ऐसा ही लग रहाहै कि जा तो पूना रहा हूँ, कलकत्ता और बम्बई तो बीच के स्टेशन हैं ! माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।
 
रजनीश के प्रणाम
 
२०/८/१९६५
 
___________________________________________<br>
जीवन जागृती केन्द्र : ११५ नेपियर टाउन : जबलपुर ( म. प्र. )
 
|}





Revision as of 06:26, 27 February 2020

Letter written to Ma Yoga Sohan on 20 Aug 1965. It is unknown if it has been published or not.

आचार्य रजनीश

सोहन,
प्रेम। इधर देर से तुझे पत्र लिखना संभव नहीं हुआ। लिखने की प्रतिपल सोचता रहा और समय नहीं पासका। पर तुझे क्या हुआ है ? तेरा भी पत्र नहीं है। रोज बाट जोहता हूँ। डाक आतीहै पर तेरा लिफाफा नहीं दिखाई पड़ता तो सोचता हूँ कि संध्या आवेगा। संध्या नहीं आता है तो सुबह की प्रतीक्षा करता हूँ। जल्दी जल्दी लिखाकर। मैं आनंद में हूँ। २३अगस्त की दोपहर कलकत्ता जारहा हूँ -- लेकिन ऐसा ही लग रहाहै कि जा तो पूना रहा हूँ, कलकत्ता और बम्बई तो बीच के स्टेशन हैं ! माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।

रजनीश के प्रणाम

२०/८/१९६५

___________________________________________
जीवन जागृती केन्द्र : ११५ नेपियर टाउन : जबलपुर ( म. प्र. )


See also
Letters to Sohan ~ 034 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.