Letter written on 13 Aug 1966 (Manik): Difference between revisions

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Letter written to [[Sw Yoga Manik|Manik Babu]], husband of [[Ma Yoga Sohan]], on 13 Aug 1966. It is unknown if it has been published or not.


Letter written to [[Sw Yoga Manik|Manik Babu]], husband of [[Ma Yoga Sohan]], on 13 Aug 1966. It is unknown if it has been published or not. We are awaiting a transcription and translation.
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प्रिय माणिक बाबू,<br>
प्रेम ! तुम्हारा तार मिला है। उत्तर में तार कर दिया है। मैं १५ और १६ सित पूना बोल सकूंगा। १३ सित.की संध्या कलकत्तामेल से निकलूंगा और १४ सित. की मद्रास एक्सप्रेस से ६ बजे पूना पहुँचूंगा। किसी को कल्याण भेजकर तकलीफ न दे। १६ सित. की संध्या या रात्रि तक मुझे बम्बई पहुंचना है। १७ सित. की सुबह से वहां कार्यक्रम शुरू होगा। १६ सित. की रात्रि बम्बई पहुंचाने की व्यवस्था करलें। पूना में १५ और १६कि सुबह ही एक-एक प्रवचन रखें तो अच्छा है। शेष शुभ। सोहन को सुबह ही पत्र लिखा है। उसका पत्र भी अभी अभी आगया है और उसने दया करके देवताओं को चढ़ाया जानेवाला प्रसाद बचा दिया है !
 
वहां सबको प्रणाम।
 
रजनीश के प्रणाम
 
१३ अगस्त १९६६
 
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Revision as of 08:09, 7 March 2020

Letter written to Manik Babu, husband of Ma Yoga Sohan, on 13 Aug 1966. It is unknown if it has been published or not.

प्रिय माणिक बाबू,
प्रेम ! तुम्हारा तार मिला है। उत्तर में तार कर दिया है। मैं १५ और १६ सित पूना बोल सकूंगा। १३ सित.की संध्या कलकत्तामेल से निकलूंगा और १४ सित. की मद्रास एक्सप्रेस से ६ बजे पूना पहुँचूंगा। किसी को कल्याण भेजकर तकलीफ न दे। १६ सित. की संध्या या रात्रि तक मुझे बम्बई पहुंचना है। १७ सित. की सुबह से वहां कार्यक्रम शुरू होगा। १६ सित. की रात्रि बम्बई पहुंचाने की व्यवस्था करलें। पूना में १५ और १६कि सुबह ही एक-एक प्रवचन रखें तो अच्छा है। शेष शुभ। सोहन को सुबह ही पत्र लिखा है। उसका पत्र भी अभी अभी आगया है और उसने दया करके देवताओं को चढ़ाया जानेवाला प्रसाद बचा दिया है !

वहां सबको प्रणाम।

रजनीश के प्रणाम

१३ अगस्त १९६६


See also
Letters to Manik ~ 10 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.