Letter written on 23 Dec 1966: Difference between revisions
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Acharya Rajnish | |||
115, Napier Town, Yogesh Bhavan, Jabalpur (M.P.) | |||
प्यारी सोहन।<br> | |||
तेरा पत्र। मैं इस बीच निरंतर बाहर था, इसलिए पत्र नहीं देसका।मंडला से कल ही लौटा हूँ और कल पुनः चिकलदरा के लिए निकलूंगा। वहां तेरी प्रतीक्षा रहेगी। माणिक बाबू को कहना की ऐसे समय काम नहीं निकाला करते हैं ! | |||
चन्दन को बसंत कोठरी की मार्फत एक पत्र दिया था। पूछना मिला या नहीं। उनके अगरबत्ती के कारखाने के पते से दिया था। | |||
शेष शुभ। वहां सबको प्रणाम। आशा तो यही है कि माणिक बाबू को समय पर सद् बुद्धि आ ही जावेगी और वे तुझे लेकर चिकलदरा उपस्थित होजावेंगे ! फिर परमात्मा की मर्जी। 'महाराज ' कैसे हैं ! | |||
रजनीश के प्रणाम | |||
२३/१२/१९६६ | |||
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Revision as of 07:05, 9 March 2020
Letter written to Ma Yoga Sohan on 23 Dec 1966. It is unknown if it has been published or not.
Acharya Rajnish 115, Napier Town, Yogesh Bhavan, Jabalpur (M.P.) प्यारी सोहन। चन्दन को बसंत कोठरी की मार्फत एक पत्र दिया था। पूछना मिला या नहीं। उनके अगरबत्ती के कारखाने के पते से दिया था। शेष शुभ। वहां सबको प्रणाम। आशा तो यही है कि माणिक बाबू को समय पर सद् बुद्धि आ ही जावेगी और वे तुझे लेकर चिकलदरा उपस्थित होजावेंगे ! फिर परमात्मा की मर्जी। 'महाराज ' कैसे हैं ! रजनीश के प्रणाम २३/१२/१९६६ |
- See also
- Letters to Sohan ~ 083 - The event of this letter.
- Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.