Prem Geeta (प्रेम गीता): Difference between revisions

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:संगीत संबंधी ओशो की अंतर्दृष्टि के आधार पर निर्मित ‘गायन प्रज्ञा कार्यक्रम’ के प्रतिभागियों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली यह पुस्तक प्रसिद्ध गीतों का संकलन है। ओशो कहते हैं कि-नानक ने परमात्मा को गा-गा कर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। पहली बात समझ लेनी जरूरी है कि नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गा कर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।  
:संगीत संबंधी ओशो की अंतर्दृष्टि के आधार पर निर्मित ‘गायन प्रज्ञा कार्यक्रम’ के प्रतिभागियों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली यह पुस्तक प्रसिद्ध गीतों का संकलन है। ओशो कहते हैं कि-नानक ने परमात्मा को गा-गा कर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। पहली बात समझ लेनी जरूरी है कि नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गा कर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।  
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Revision as of 11:28, 18 January 2021


Prem Geeta (Songs of Love)
This book is a compilation of famous songs to be practiced by participants of the GAYAN PRAGYA (Wisdom of Singing) Program. It is based on Osho's insights into music. He says that NANAK did not meditate, never practiced yoga or tantra. Nanak simply sang, sang, sang... and he reached to ultimate realization by just singing.
संगीत संबंधी ओशो की अंतर्दृष्टि के आधार पर निर्मित ‘गायन प्रज्ञा कार्यक्रम’ के प्रतिभागियों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली यह पुस्तक प्रसिद्ध गीतों का संकलन है। ओशो कहते हैं कि-नानक ने परमात्मा को गा-गा कर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। पहली बात समझ लेनी जरूरी है कि नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गा कर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।
author
compilation: Sw Anand Siddharth (Osho Siddharth)
language
Hindi
notes

editions

प्रेम गीता

Year of publication : 2011
Publisher : Trivir Publication
Edition no. : 1
ISBN  : none
Number of pages : 172
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :