Samadhi Geeta (समाधि गीता): Difference between revisions
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description =सिक्ख कोई पथ नही, कोई मजहब नही। जो भी सीखने को तैयार है वही शिष्य है। इसलिये गुरूग्रथ साहिब केवल सिक्ख धर्म से जुड़े लोगो के लिये ही नही बल्कि सभी शिष्यो के लिये एक अमूल्य ग्रथ है। समाधि गीता के माध्यम से ओशोधारा के समाधि कार्यक्रम¨ मे ‘शबदो’ का उपयाग कर ओशो सदगुरू त्रिविर ने गुरू नानक की जीवन्त सिक्ख परपरा को न केवल आत्मसात किया है बल्कि उसे समस्त मानव जाति के लिये उपलब्ध करा दिया है। | description =सिक्ख कोई पथ नही, कोई मजहब नही। जो भी सीखने को तैयार है वही शिष्य है। इसलिये गुरूग्रथ साहिब केवल सिक्ख धर्म से जुड़े लोगो के लिये ही नही बल्कि सभी शिष्यो के लिये एक अमूल्य ग्रथ है। समाधि गीता के माध्यम से ओशोधारा के समाधि कार्यक्रम¨ मे ‘शबदो’ का उपयाग कर ओशो सदगुरू त्रिविर ने गुरू नानक की जीवन्त सिक्ख परपरा को न केवल आत्मसात किया है बल्कि उसे समस्त मानव जाति के लिये उपलब्ध करा दिया है। | ||
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Revision as of 11:34, 18 January 2021
- सिक्ख कोई पथ नही, कोई मजहब नही। जो भी सीखने को तैयार है वही शिष्य है। इसलिये गुरूग्रथ साहिब केवल सिक्ख धर्म से जुड़े लोगो के लिये ही नही बल्कि सभी शिष्यो के लिये एक अमूल्य ग्रथ है। समाधि गीता के माध्यम से ओशोधारा के समाधि कार्यक्रम¨ मे ‘शबदो’ का उपयाग कर ओशो सदगुरू त्रिविर ने गुरू नानक की जीवन्त सिक्ख परपरा को न केवल आत्मसात किया है बल्कि उसे समस्त मानव जाति के लिये उपलब्ध करा दिया है।
- author
- Osho Siddharth
- language
- Hindi
- notes
editions
समाधि गीता
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