Shreemadbhagawad Geeta (श्रीमद्भगवद् गीता): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
Dhyanantar (talk | contribs) (Created page with "{{sanbook| description =श्रीमद् भगवद् गीता: श्रीमद्भगवद् गीता महाभारत का अंश है।...") |
Dhyanantar (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
description =श्रीमद् भगवद् गीता: श्रीमद्भगवद् गीता महाभारत का अंश है। लेकिन यह स्वयं में एक पूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है। कई विद्वानों ने इसे ज्ञान योग का, कई ने भक्ति योग का, तो कई ने इसे कर्मयोग का ग्रंथ माना है। पतंजलि इसे क्रियायोग कहते हैं। संतों की परंपरा इसे संतमत कहती है। गुरुसिक्ख परंपरा इसे गुरमत कहती है और सद्गुरु ओशो सिद्धार्थ जी की दृष्टि में यह सहज योग का ग्रंथ है। | description =श्रीमद् भगवद् गीता: श्रीमद्भगवद् गीता महाभारत का अंश है। लेकिन यह स्वयं में एक पूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है। कई विद्वानों ने इसे ज्ञान योग का, कई ने भक्ति योग का, तो कई ने इसे कर्मयोग का ग्रंथ माना है। पतंजलि इसे क्रियायोग कहते हैं। संतों की परंपरा इसे संतमत कहती है। गुरुसिक्ख परंपरा इसे गुरमत कहती है और सद्गुरु ओशो सिद्धार्थ जी की दृष्टि में यह सहज योग का ग्रंथ है। | ||
| | | | ||
author= [[Sw Anand Siddharth (Indian | author= [[Sw Anand Siddharth (Indian)|Osho Siddharth]] | | ||
language = Hindi | | language = Hindi | | ||
notes = | | notes = | |
Revision as of 11:36, 18 January 2021
- श्रीमद् भगवद् गीता: श्रीमद्भगवद् गीता महाभारत का अंश है। लेकिन यह स्वयं में एक पूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है। कई विद्वानों ने इसे ज्ञान योग का, कई ने भक्ति योग का, तो कई ने इसे कर्मयोग का ग्रंथ माना है। पतंजलि इसे क्रियायोग कहते हैं। संतों की परंपरा इसे संतमत कहती है। गुरुसिक्ख परंपरा इसे गुरमत कहती है और सद्गुरु ओशो सिद्धार्थ जी की दृष्टि में यह सहज योग का ग्रंथ है।
- author
- Osho Siddharth
- language
- Hindi
- notes
editions
श्रीमद्भगवद् गीता
|