Letter written on 24 Dec 1964

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Letter written to Ma Yoga Sohan on 24 Dec 1964. It is unknown if it has been published or not. We are awaiting a transcription and translation.

आचार्य रजनीश

११५, नेपियर टाउन जबलपूर, (म. प्र.)

प्रिय सोहन बाई,
स्नेह. मैं बाहर से लौटा हूं, तो आशा ही थी कि तुम्हारे पत्र को पाऊंगा. क्या मेरा पत्र मिला नहीं ? पिछले पत्र में मैंने अपने बम्बई कार्यक्रम के संबंध में लिखा था, और चाहा था की तुम भी वहां आजाओ. मैं ३० दिस.को दोपहर कलकत्तामेल से बम्बई पहुँच रहा हूं. वहां ३१दिस.और १ जन. का कार्यक्रम है. तुम्हे आना ही है. अच्छा हो कि मुझे कलकत्ता मेल पर कल्याण मिल जाओ, और वहां से मेरे साथ चलो. मेरी गाड़ी ३.२० दोपहर कल्याण पहुचती है. श्री. माणिकलालजी भी आवें तो और भी अच्छा है. मैं आज ही पुनः बाहर जारहा हूं. मैं ३० दिस. कल्याण-पर प्रतीक्षा करूंगा. शेष मिलने पर. वहां सबको मेरा प्रेम.

रजनीश के प्रणाम

२४:१२:१९६४.

See also
Letters to Sohan ~ 001 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.