Letter written to Ma Yoga Sohan on 2 Jun 1965 in Gadarwara. It is unknown if it has been published or not.
प्रिय सोहन,
प्रेम। कल संध्या यहां आया हूँ। सभी लोग तेरे संबंध में पूछ रहे हैं। अबकी बार इस ओर आने पर यहां भी आना होगा। यहां ६ जून तक रुकूंगा। ७ जून से सेठ गोविन्ददस ने सत्संग का आयोजन किया है। वह १४ जून तक चलेगा। फिर १६ जून की संध्या बम्बई के लिए निकलूंगा और १७ जून की दोपहर तू कल्याण पर मिलेगी। उस ट्रेन पर मेरी बोगी आखरी होती है। शेष शुभ। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।