Letter written to Ma Yoga Sohan on 10 Feb 1966 in the midnight in Jabalpur. It is unknown if it has been published or not.
अर्धरात्रि
१०/२/१९६६
प्यारी सोहन,
प्रेम।
साधना शिविर से कल ही वापिस लौटा हूँ। मार्ग में एक जगह और बोलने को रुक गया था। शिविर बहुत अच्छा हुआहै। अबतक के सभी शिविरों में अच्छा। एक ही कमी थी कि तू नहीं थी !
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विवाह के कार्यों से निबट गई होगी। थक भी जरूर गई होगी। माणिक बाबू भी थक गये होंगे। विवाह में उलझी थी तब कभी मेरी भी याद आती थी या नहीं ?
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मैं ८,९ मार्च संभवतः अहमदाबाद बोलूं / क्या तू साथ चलेगी ? कार्यक्रम तय होते ही मैं लिखूंगा। साथ चलेगी तो अच्छा होगा। कितने वर्षों से तू मेरे साथ नहीं गई है ?
सब को प्रेम।
रजनीश के प्रणाम
सौ० सोहन माणिक बाफना,
११८७/७, शिवाजी नगर,
(माडर्न हाई स्कूल की पीछे)
पूना-५
POONA-5