प्रिय माणिक बाबू,
प्रेम। मैं २० दिसम्बर को पालघर से लौटा हूँ। लौटते ही आपका पत्र मिला। लेकिन आप सॉबेनीर के लिए संदेश २०-२१ तक ही चाहते थे। वह आपको मिल नहीं सकेगा, इसलिए मैंने नहीं भेजा। फिर मैं आते ही फ्लू से बीमार पड़ गया। पालघर और दिल्ली दोनों ही जगह जोर से फ्लू चल रहा था। आज कुछ ठीक हुआ हूँ तो आपको लिख रहा हूँ। ठीक होना ही पड़ रहा है क्योंकि कल नागपुर जाना है !
स्वेटर दिल्ली जाते ही मिल गया था। डाली को मेरी ओर से बहुत बहुत धन्यवाद कहदें। जबसे मिला है, बस उसका स्वेटर ही पहने हुए हूँ। यहां भी सर्दी बहुत जोर से पड़ रही है। रूम हीटर का उपयोग आप न कर रहे हों तो यहां भेज दें। यहां बाजार में देखा है लेकिन उतना अच्छा तो दिखाई ही नहीं पड़ता है।