Talk:Ashtavakra: Mahageeta, Bhag 3 (अष्टावक्र : महागीता, भाग तीन) (6 volume set)
TOC for the 1990 edition:
- 1. मनुष्य है एक अजनबी
- 2. प्राण की यह बीन बजना चाहती है
- 3. हर जगह जीवन विकल है
- 4. धार्मिक जीवन -- सहज, सरल, सत्य
- 5. अचुनाव में अतिक्रमण है
- 6. संन्यास : अभिनव का स्वागत
- 7. जगत उल्लास है परमात्मा का
- 8. जागते-जागते जाग आती है
- 9. विषयों में विरसता मोक्ष है
- 10. धर्म अर्थात उत्सव
- 11. सहज है सत्य की उपलब्धि
- 12. श्रद्धा का क्षितिज : साक्षी का सूरज
- 13. प्रभु की प्रथम आहट -- निस्तब्धता में
- 14. शूल हैं प्रतिपल मुझे आगे बढ़ाते
- 15. धर्म एक आग है