Letter written to Manik Babu, husband of Ma Yoga Sohan, on 7 Apr 1965. It is unknown if it has been published or not.
आचार्य रजनीश
११५, नेपियर टाउन
जबलपुर,(म.प्र.)
७/४/१९६५
प्रिय माणिक बाबू,
स्नेह। आपका पत्र अभी अभी मिला है। इसे लिखने के बाद मेरा दूसरा पत्र भी आपको मिल गया होगा। मैं १२ अप्रैल को ३ बजे कलकत्ता मेल से कल्याण पहुँच रहा हूँ। आप और सोहन मुझे वहां मिल रहे हैं, यह जानकर ख़ुशी हुई ट्रेन से या कार से जैसी भी व्यवस्था ठीक मालूम हो, वैसा वहां से पूना चलने के लिए करलें। सोहन का अभी वाराणसी जाने का कार्यक्रम बदल दिया, वह ठीक किया। वह तो उदयपुर के बाद ही मेरे साथ लौटे और वाराणसी जावे तो अच्छा है। शेष शुभ। विषय में श्री.कमलनाथ जी मुणोत को लिख दिया हूँ, सो पहुँच गया होगा। सोहन को सोहन को प्रेम। बच्चों को स्नेह। सबको प्रणाम।
रजनीश के प्रणाम
एक्सप्रेस
डिलेवरी
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श्री. माणिकलाल जी बाफना,
११८७/७ शिवाजीनगर,
( माडर्न हाइ स्कूल के पीछे )
पूना-५ (Poona - 5)