Letter written to Ma Yoga Sohan on 12 Aug 1965. It includes a PS written on another piece of paper. See discussion re the evidence connecting them. It is unknown if this letter has been published or not.
C. S. T. No. GWR. 134. C.
M. P. S. T. No. GWR274
विजय गृह निर्माण सामग्री भंडार
गाडरवारा (म. प्र.)
दिनांक.......
प्यारी सोहन,
प्रेम। मैं कल रात्रि यहां आया हूँ। संध्या जब स्टेशन के लिए निकल रहा था, तभी तेरी राखी मिल गई थी। पहले उसे बंधवा लिया, तब निकला। फिर आज तो बहुत राखियां बांधी गई हैं और जब भी किसीने राखी बांधी तो मुझे लगा की मेरी सोहन ही बांध रही है ! शेष आनंद है। अब तो तू जल्दी मिलने को है ?