Letter written to Ma Yoga Sohan on 22 Apr 1966. It is unknown if it has been published or not.
प्रिय सोहन,
प्रेम। तेरा पत्र। मैं आनंद में हूँ। तेरी आज्ञा नहीं है, इसलिए ग्रीष्म के बहुत से कार्यक्रम स्थगित कर दिये हैं। वैसे आज भी मुझे गोंदिया में होना चाहिए था। अबतो उदयपुर और पूना के अतिरिक्त कहीं भी जाने का खयाल नहीं है।
महाराष्ट्र गाँधी स्मारक निधि,पूना,का एक आमंत्रण मिला है। माणिक बाबू को कहना कि उन्हें फोन (नं.५६९०५)से जून में आयोजित होरहे पूना शिविर की सूचना करदें। उसके पूर्व मेरा आना संभव नहीं है। उनका आमंत्रण पत्र साथ में संलग्न है। शेष शुभ। सबको प्रेम।