Talk:Athato Bhakti Jigyasa (अथातो भक्ति जिज्ञासा)
TOC:
- 1. भक्ति जीवन का परम स्वीकार है
- 2. प्रीति को कामना से मुक्त करो
- 3. भक्ति परमात्मा की किरण है
- 4. प्रीति-स्नेह-प्रेम-श्रद्धा-भक्ति
- 5. भक्ति याने जीने का प्रारंभ
- 6. भक्त के मिटने में भगवान का उदय
- 7. स्वानुभव ही श्रद्धा है
- 8. प्रीति की पराकाष्ठा भक्ति है
- 9. अनुराग है तुम्हारा अस्तित्व
- 10. संन्यास शिष्यत्व की पराकाष्ठा है