Letter written to Ma Yoga Sohan on 18 Jan 1965. It is unknown if it has been published or not.
Acharya Rajnish
चिदात्मन्,
प्रेम। चि.सौ. कां. उषा और जीवन लता के शुभ परिणय अवसर पर मैं स्वयं उपस्थित होसकता तो अतीव आनंद अनुभव करता, पर उस समय पूर्व से व्यस्त होने के कारण असमर्थता है । आशा है कि अनुपस्थिति के लिए क्षमा करेंगे। मैं तो उपस्थित नहीं रहूंगा, किंतु मेरी हार्दिक शुभकामनाओं की उपस्थिति अवश्य अनुभव करें। दोनों वधुओं और वरों को मेरे प्रेम और मेरी मंगल कामनाओं से अवगत करादें। उनका जीवन आनंद और आलोक से परिपूरित हो, प्रभु से यही मेरी प्रार्थना है।