Letter written to Ma Yoga Sohan on 10 Sep 1966. It is unknown if it has been published or not.
आचार्य रजनीश
प्रिय सोहन,
चंदन का पत्र आया है। उन्हें उत्तर साथ में भेज रहा हूँ। मिलते ही पहुंचा देना। उन्होंने भी मेरे पूना रहते मिलने की व्यवस्था के लिए पूछा है। 'र्स्पाटन लक्जुरी ' या कहीं निकट ही रहने की उनकी व्यवस्था हो सके तो ही सुविधा से मिलने के लिए समय मिल सकेगा। जैसा ठीक हो वैसा कर लेना। यदि वे वहां आती हो तो अच्छा है कि मेरे पूना पहुँचने के पूर्व ही आजावें। शेष मिलने पर । तेरे पत्र की प्रतीक्षा है। लेकिन इधर तू लिख ही नहीं रही है। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।
रजनीश के प्रणाम
१०/९/१९६६
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