Letter written to Ma Yoga Sohan on 19 Jul 1965. It is unknown if it has been published or not.
आचार्य श्री रजनीश साधना-शिविर
संयोजक :
डा० (सेठ)गोविंददास
श्री जगसीभाई मेडीवाला
कर्यालय :
१. राजागोकुलदास महल, जबलपुर
फोन नं० १३९
२. मेडीवाला मशीनरी कम्पनी,
श्याम टाकीज के पास,
राइट टाउन, जबलपुर,
फोन नं० ९१४
प्यारी सोहन,
तेरा पत्र मिला और माणिक बाबू का भी । उसपर टिकिट न होने से वह १७ जुलाई को पहुँचा और आज मिला। मैं तो सोचता रहा कि बहुत देर होगई और तूने पत्र क्यों नहीं लिखा है ?
दिल्ली से श्री० सुंदरलाल जी आये थे। छह दिन यहां रूककर आज गये हैं। मैंने उनसे कहा कि आपने सोहन और माणिक बाबू को पीछे छोड़ दिया !
२३ जुलाई को तू मिलेगी। उसकी ही प्रतीक्षाहै।
शेष शुभ। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।
रजनीश के प्रणाम
१९/७/१९६५
Partial translation
"Shree Sunder Lal Ji had come from Delhi. After staying for six days today he has gone (back). I told him that you have left behind Sohan and Manik Babu.
You will meet on 23rd July. Waiting only for that."