Atma Sammohan: Saphalta Ki Kunjee (आत्म सम्मोहन : सफलता की कुंजी): Difference between revisions
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- क्या आप अपने जीवन में सफलता ही नहीं, सुफलता भी चाहते हैं? तो यह किताब आपके बड़े काम की है। मनोवैज्ञानिकों ने मन को दो बड़े भागों में विभक्त किया है। मस्तिष्क का वह भाग, जिसमें होने वाली क्रियाओं की जानकारी हमें होती है, चेतन मन है। यह वस्तुनिष्ठ एवं तर्क पर आधारित होता है। सामान्यतः हमें जिसकी जानकारी नहीं होती, जाग्रत मस्तिष्क के परे मस्तिष्क का वह हिस्सा अवचेतन मन कहलाता है। इस हिस्से में चमत्कारिक परिणाम लाने वाले गुण हैं। शेक्सपीयर के अनुसार ‘हमारा जीवन बगीचा है और हम इसके बागवान हैं।’ बागवान अपनी भावनाओं व धारणाओं के अनुरूप विचारों के बीज अवचेतन मस्तिष्क में बोता है। फिर जैसा बोता है, वैसा ही फल प्राप्त होता है। तदनुसार ही तन-मन में परिवर्तन, एवं घटनाओं का प्रगटीकरण होता है। इसलिए प्रत्येक विचार एक कारण है एवं प्रत्येक दशा एक प्रभाव है। सद्गुरु ओशो कहते हैं कि मनःस्थिति ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, परिस्थिति नहीं। मनःस्थिति से परिस्थिति निर्मित होती है। इसी कारण, यह आवश्यक है कि हम अपने विचारों को ऐसा बनाएँ; ताकि हम इच्छित स्थिति को प्राप्तकर जीवन को सुख-शांति-प्रीति से भर सकें। यही बड़ी से बड़ी जीवन-क्रांति का सूत्र है। ओशोधारा के ‘सम्मोहन प्रज्ञा’ नामक त्रिदिवसीय कार्यक्रम में सफलता के सोपानों पर चढ़ने की विधि सिखाई जाती है। सेल्फ-सजैस्चन द्वारा आत्म-सम्मोहन करके जिंदगी में मनचाहा परिवर्तन किया जा सकता है। प्रस्तुत पुस्तक उसी दिशा में व्यावहारिक रूप से मार्ग प्रशस्त करती है।
- author
- Osho Shailendra
- language
- Hindi
- notes
- Available online as PDF on OshoDhara.
editions
आत्म सम्मोहन : सफलता की कुंजी
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आत्म सम्मोहन : सफलता की कुंजी
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आत्म सम्मोहन : सफलता की कुंजी
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