Bolai Shekh Pharid (बोलै शेख फरीद)
- शेख फरीद प्रेम के पथिक हैं। और जैसा गीत फरीद ने गाया है, वैसा किसी ने नहीं गाया। कबीर भी प्रेम की बात करते हैं, लेकिन ध्यान की भी बात करते हैं। दादू भी प्रेम की बात करते हैं, लेकिन ध्यान की बात को बिलकुल भूल नहीं जाते। नानक भी प्रेम की बात करते हैं, लेकिन वह ध्यान से मिश्रित हैं। फरीद ने शुद्ध प्रेम के गीत गाए हैं, ध्यान की बात ही नहीं की है, प्रेम में ही ध्यान जाना है। इसलिए प्रेम की इतनी शुद्ध कहानी कहीं और न मिलेगी। फरीद खालिस प्रेम हैं। प्रेम को समझ् लिया तो फरीद को समझ लिया। फरीद को समझ लिया तो प्रेम को समझ लिया। प्रस्तुत पुस्तक में फरीद-वाणी पर ओशो द्वारा दिए प्रवचनों को संकलित किया गया है। यह पुस्तक पाठकों के लिए प्रेम और ज्ञान के नए क्षितिज खोलती है।
- notes
- Talks on Farid.
- See discussion for a TOC.
- Previously published as ch.1-5 of Akath Kahani Prem Ki (अकथ कहानी प्रेम की) and ch.1-5 of Na Kano Suna Na Aankhon Dekha (न कानों सुना न आंखों देखा). Hovewer pub info states incorrectly that this book "originally published as Kano Suni So Jhooth Sab (कानों सुनी सो झूठ सब), ch.6-10", Dariya's series.
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 5
editions
Bolai Shekh Pharid (बोलै शेख फरीद)(फरीद वाणी)
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