Buddhatwa Khara Bajar Mein (बुद्धत्व खड़ा बाजार में)

From The Sannyas Wiki
Revision as of 18:47, 2 April 2022 by Dhyanantar (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search


एक प्रवचन में ओशो ने कहा था कि मैं अपने पीछे पूरी केमिस्‍ट की दूकान छोड़ जाऊंगा, जिसमें प्रत्‍येक स्‍वभाव के व्‍यक्ति के लिए औषधि तो होगी,पर उसे खोलना उसके लिए कठिन होगा। यह इसलिए है क्‍योंकि ओशो लाखों हजारों साधकों को एक साथ सम्‍बोधित कर रहे थे। यह पुस्‍तक इसी प्रयास की कड़ी है कि ओशो की प्रमुख औषधियों को छांटकर उनको लेने की विधि सहित, सभी प्रमुख रोगों को लक्षणों सहित प्रस्‍तुत किया जाए जिससे प्रत्‍येक साधक अपने रोग का स्‍वयं निदान कर उपचार कर सके और उसका रूपांतरण हो सके। इस पुस्‍तक को पढ़कर और जहां आवश्‍यक हो, इससे ओशो की प्रवचनमाला का संदर्भ लेकर और उसे हृदयंगम कर साधक अपने घरों में ध्‍यानकक्ष बनाकर अकेले अपनी अंतर्यात्रा शुरू कर सकते हैं।
author
Sw Gyan Bhed and Sw Prem Nishith
language
Hindi
notes

editions

बुद्धत्व खड़ा बाजार में

Year of publication :
Publisher : Diamond Pocket Books
Edition no. : 1
ISBN 8128802089 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 465
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :