Guru Govind Dou Khade (गुरु गोविन्द दोऊ खड़े): Difference between revisions

From The Sannyas Wiki
Jump to navigation Jump to search
(Created page with "{{book| description =गुरु गोविंद दोऊ खड़े काको लागूं पायं। बलिहारी गुरु आपने जि...")
 
No edit summary
Line 3: Line 3:
|
|
translated = |
translated = |
notes =See [[{{TALKPAGENAME}}|discussion]]. |
notes =Originally published as ch.1-5 (out of 20) of ''[[Suno Bhai Sadho (सुनो भई साधो)]]'', see [[{{TALKPAGENAME}}|discussion]]. |
period = | year= |
period = | year= |
nofd = |
nofd = |
Line 11: Line 11:
language = Hindi|
language = Hindi|
}}
}}
[[category:Indian Mystics (hi:भारतीय मनीषियों)]]

Revision as of 05:00, 30 November 2018


गुरु गोविंद दोऊ खड़े काको लागूं पायं। बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो बताय।। इस सूत्र के दो अर्थ हो सकते हैं-दो प्रीतिकर हैं। पहला अर्थ – ‘‍बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो बताय।‘ तो कबीर कहते हैं कि बलिहारी गुरु तुम्‍हारी कि जब मैं दुविधा में था, तुमने तत्‍क्षण इशारा कर दिया कि गोविंद के पैर छुओ। क्‍योंकि मैं तो यहां तक था। मैं तो राह पर लगे हुए मील के पत्‍थर की तरह था, जिसका इशारा था, आ गया, मंजिल आ गई अब मेरा कोई काम नहीं। अब तुम गुरु को छोड़ो गोविंद के पैर छू लो। दूसरा अर्थ है- ‘गुरुगोविंद दोऊ खड़े काको लागू पायं। बलिहारी गुरु बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो बताय।।‘ दुविधा में हूं, किसके पैर लगूं। गुरु के ही पैर छुए, क्‍योंकि उसकी ही बलिहारी है,उसकी ने गोविन्‍द को बताया है। प्रस्तुत पुस्‍तक में कबीर-वाणी पर ओशो द्वारा दिए गए कुछ प्रवचनों को संकलित किया गया है।
notes
Originally published as ch.1-5 (out of 20) of Suno Bhai Sadho (सुनो भई साधो), see discussion.
time period of Osho's original talks/writings
(unknown)
number of discourses/chapters


editions

Guru Govind Dou Khade (गुरु गोविन्द दोऊ खड़े)

Year of publication : 2009
Publisher : Diamond Pocket Books
ISBN 9788171828401 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 152
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :