Letter written on 23 Dec 1968 (Manik): Difference between revisions
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acharya rajneesh | |||
kamala nehru nagar : jabalpur (m.p.). phone : 2957 | |||
प्रिय माणिक बाबू , | |||
प्रेम। मैं २० दिसम्बर को पालघर से लौटा हूँ। लौटते ही आपका पत्र मिला। लेकिन आप सॉबेनीर के लिए संदेश २०-२१ तक ही चाहते थे। वह आपको मिल नहीं सकेगा, इसलिए मैंने नहीं भेजा। फिर मैं आते ही फ्लू से बीमार पड़ गया। पालघर और दिल्ली दोनों ही जगह जोर से फ्लू चल रहा था। आज कुछ ठीक हुआ हूँ तो आपको लिख रहा हूँ। ठीक होना ही पड़ रहा है क्योंकि कल नागपुर जाना है ! | |||
स्वेटर दिल्ली जाते ही मिल गया था। डाली को मेरी ओर से बहुत बहुत धन्यवाद कहदें। जबसे मिला है, बस उसका स्वेटर ही पहने हुए हूँ। यहां भी सर्दी बहुत जोर से पड़ रही है। रूम हीटर का उपयोग आप न कर रहे हों तो यहां भेज दें। यहां बाजार में देखा है लेकिन उतना अच्छा तो दिखाई ही नहीं पड़ता है। | |||
शेष शुभ। | |||
सोहन को प्रेम। बच्चों को आशीष। | |||
रजनीश के प्रणाम | |||
२३/१२/१९६८ | |||
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Revision as of 07:47, 12 March 2020
Letter written to Manik Babu, husband of Ma Yoga Sohan, on 23 Dec 1968. It is unknown if it has been published or not.
acharya rajneesh kamala nehru nagar : jabalpur (m.p.). phone : 2957 प्रिय माणिक बाबू , प्रेम। मैं २० दिसम्बर को पालघर से लौटा हूँ। लौटते ही आपका पत्र मिला। लेकिन आप सॉबेनीर के लिए संदेश २०-२१ तक ही चाहते थे। वह आपको मिल नहीं सकेगा, इसलिए मैंने नहीं भेजा। फिर मैं आते ही फ्लू से बीमार पड़ गया। पालघर और दिल्ली दोनों ही जगह जोर से फ्लू चल रहा था। आज कुछ ठीक हुआ हूँ तो आपको लिख रहा हूँ। ठीक होना ही पड़ रहा है क्योंकि कल नागपुर जाना है ! स्वेटर दिल्ली जाते ही मिल गया था। डाली को मेरी ओर से बहुत बहुत धन्यवाद कहदें। जबसे मिला है, बस उसका स्वेटर ही पहने हुए हूँ। यहां भी सर्दी बहुत जोर से पड़ रही है। रूम हीटर का उपयोग आप न कर रहे हों तो यहां भेज दें। यहां बाजार में देखा है लेकिन उतना अच्छा तो दिखाई ही नहीं पड़ता है। शेष शुभ। सोहन को प्रेम। बच्चों को आशीष। रजनीश के प्रणाम २३/१२/१९६८ |
- See also
- Letters to Manik ~ 18 - The event of this letter.
- Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.