Letter written on 23 Jan 1971 (YSamadhi)

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A photocopy of letter written to Ma Yoga Samadhi on 23 Jan 1971. It has been published in Dhai Aakhar Prem Ka (ढ़ाई आखर प्रेम का), as letter #102.

acharya rajneesh

A-1 WOODLAND, PEDDAR ROAD BOMBAY-26. PHONE: 382184

प्यारी समाधि,
प्रेम। तृतीय नेत्र (Third Eye) की चिन्ता में तू न पड़।

आवश्यक होगा तो मैं तुझसे उस दिशा में कार्य करने को कहूँगा।

वह तेरी संभावना के भीतर है और बिना ज्यादा श्रम के ही सक्रिय भी होसकता है।

लेकिन, तू स्वयं उत्सुकता न ले।

समय के पूर्व शक्ति का जागरण बाधा भी बन सकता है।

और मूल साधना से भटकाव भी।

फिर सत्य के साक्षातकार के लिए वह आवश्यक भी नहीं है।

और अनिवार्य तो बिल्कुल ही नहीं।

कभी-कभी कुछ शक्तियां अनचाहे भी सक्रिय होजाती हैं; लेकिन उनके प्रति भी उपेक्षा (Indifference )आवश्यक है।

और नये सोपान पर गतिमय होने में सहयोगी भी।

अब जब मैं तेरी चिन्ता करता हूँ तो तू सब चिन्ताओं से सहज ही विश्राम लेसकती है।

रजनीश के प्रणाम

२३/१/१९७१


See also
Dhai Aakhar Prem Ka ~ 102 - The event of this letter.