Meri Zindagi Ki Dhoop

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मेरी जिन्दगी की धूप में - Meri Zindagi Ki Dhoop
Writers
Sw Anand Siddharth ओशो सिद्धार्थ


Lyrics
मेरी जिन्दगी की धूप में, तू छांव बनके आना
मैं जहां-जहां पुकारूं, तू ठांव बन के आना
संसार की हवाएं तोड़ें जब मेरे घर को
जब भी उजड़ मैं जाउं, तू गांव बन के आना
नहीं सूझता हो कुछ भी, दिखता हो बस समंदर
मेरे बचाव खातिर, तब नाव बन के आना
प्यासी हो मेरी संगत, गर ऐसा दौर आए
तर करने कंठ उनका, दरियाव बन के आना
थक जाएं हम सफर में, हो जाए कठिन चलना
मंजिल को पास लाने, तू पांव बन के आना
‘मुर्शिद’ की रहनुमाई में चल रहे हैं हम सब
गर रास्ता न सूझे, तो भाव बन के आना

Jabse Dekha TuNe Osho (music album)

Part of Osho Birthday Celebration 11 Dec. 2018
Artists
Ma Amrit Priya मा ओशो प्रिया
?
Recorded
2018. Recorded at Gurdeep Studio, Delhi, India
Released
2018

Audio - full length

02 9:57 - मेरी जिन्दगी की धूप