Samadhi Ke Nratya-Geet (समाधि के नृत्य-गीत)
- जब हम ओशो के साहित्य को देखते हैं तो चमत्कृत रह जाते हैं, क्योंकि उसमें चैत्यन्य है इसलिए हमें चमत्कार लगता है। हमें लगता है कि हममें भी अभी प्राण उस चेतना की प्रखर लहर पर बहाते हुए वे हमें ले जाते हैं। यही है उनका जादू।” प्रस्तुत पुस्तक संत सुंदर दास के पदों पर ओशों द्वारा दिए गए ग्यारह प्रवचनों का सकंलन है।
- notes
- See discussion for a TOC.
- Originally published as ch.11-21 of Jyoti Se Jyoti Jale (ज्योति से ज्योति जले).
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 11
editions
Samadhi Ke Nratya-Geet (समाधि के नृत्य-गीत)
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