Sankhyageeta (संख्यगीता): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
Dhyanantar (talk | contribs) No edit summary |
Dhyanantar (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
| | | | ||
}} | }} | ||
[[Category:Books by Sannyasins - Non-Fiction]] |
Latest revision as of 16:59, 4 April 2022
- 11 दिसबर, 1988 को सदगुरु ओशो सिद्धार्थ जी को सतोरी का अनुभव हुआ जो 26 जनवरी, 1989 तक जारी रहा। इस अवधि मे सप्तर्षियो के माध्यम से उन पर अष्टावक्र-सहिता के कई पदो का अवतरण हुआ। साख्य गीता के नाम से प्रकाशित अष्टावक्र-जनक सवाद सत्य के खोजियो के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इस पुस्तिका के माध्यम से सदगुरु ओशो सिद्धार्थ जी साधको को जनक प्रज्ञा विकसित करने का आह्वान करते है और आश्वासन देते है कि प्रज्ञा की इस उड़ान के लिये जब भी वे पख फैलाएगे, साख्यगीता के पद उनका सही मार्गदर्शन करेगे। यह उड़ान सभी पाठको के लिये मगलमय है।
- author
- Osho Siddharth
- language
- Hindi
- notes
editions
संख्यगीता
|