Asambhav Kranti (असंभव क्रांति)
- स्वतंत्रता विद्रोह नहीं है, क्रांति है।
- क्रांति की बात ही अलग है। क्रांति का अर्थ है: दूसरे से कोई प्रयोजन नहीं है। हम किसी के विरोध में स्वतंत्र नहीं हो रहे हैं। क्योंकि विरोध में हम स्वतंत्र होंगे, तो वह स्वच्छंदता हो जाएगी। हम दूसरे से मुक्त हो रहे हैं--न उससे हमें विरोध है, न हमें उसका अनुगमन है। न हम उसके शत्रु हैं, न हम उसके मित्र हैं--हम उससे मुक्त हो रहे हैं। और यह मुक्ति, ‘पर’ से मुक्ति, जिस ऊर्जा को जन्म देती है, जिस डाइमेन्शन को, जिस दिशा को खोल देती है, उसका नाम स्वतंत्रता है।
- पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
- पल-पल, मोमेंट टु मोमेंट जीने का सूत्र
- मनुष्य होने की पहली शुरुआत भीड़ से मुक्ति है
- शास्त्र और किताब में फर्क क्या है?
- धर्म आत्मा का विज्ञान है
- प्रेम का जीवन ही सृजनात्मक जीवन है
- notes
- Spontaneous talks given by Osho to disciples and friends on the theme of meditation at a meditation camp in Matheran, Maharashtra. Title means, "Impossible Revolution." See discussion for a TOC and more.
- time period of Osho's original talks/writings
- Oct 18, 1967 to Oct 21, 1967 : timeline
- number of discourses/chapters
- 10
editions
Asambhav Kranti (असंभव क्रांति)
| |
Asambhav Kranti (असंभव क्रांति)
| |
Asambhav Kranti (असंभव क्रांति)
| |
Asambhav Kranti (असंभव क्रांति)
| |
Asambhav Kranti (असंभव क्रांति)
|