Mitti Ke Diye (मिट्टी के दीये)
- ओशो ने इस पुस्तक में ऐसी ही छोटी-छोटी सामान्य जन-जीवन से ताल्लुक रखने वाली कहानियों के माध्यम से आदमी के भीतर का अंधेरा साफ किया है, उसे उसकी अपनी आंतरिक क्षमता से अवगत कराया है और बुद्धत्व का पथ प्रशस्त किया है। माटी के ये दीये नये मनुष्य के हाथों में हो और मनुष्य का प्रज्ञा-पथ प्रशस्त करें, यही शुभकामना है।
- notes
- Translated to The Earthen Lamps
- time period of Osho's original talks/writings
- from 1967 : timeline
- number of discourses/chapters
- 59
editions
Mitti Ke Diye (मिट्टी के दीये)
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